



अमित मिश्रा
सोनभद्र। देशभर में धूमधाम से मनाये जाने की तैयारी चल रही नवरात्रि, अभी से मंदिरों में गूंजेनें लगे है जयकारे
भारत में शक्ति उपासना के पावन पर्व चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 30 मार्च से हो है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाएगी। मंदिरों और घरों में भक्तों ने कलश स्थापना कर पूजा-पाठ शुरू कर दिया है।
माँ के दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभवना है
देशभर के प्रसिद्ध देवी मंदिरों – शीतला मंदिर, कुंडवासिनी देवी मंदिर, बंसरा देवी मंदिर, वैष्णो देवी, कालीमंदिर, दुर्गाजी और ज्वालामुखी देवी सहित जिले के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़नें की संभावना बानी हुयी है। नवरात्री से पहले ही श्रद्धालु माता रानी के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं और जगह-जगह भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।
व्रत-उपवास और विशेष अनुष्ठान
नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु उपवास रखकर माँ दुर्गा की आराधना करेंगे । खासतौर पर कन्या पूजन, हवन और दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व अधिक होता है। कई जगहों पर भव्य गरबा और डांडिया नाइट्स का आयोजन किया जाता है, जिससे माहौल भक्तिमय हो जाता है।
शक्ति के प्रतीक का पर्व
नवरात्रि केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह स्त्री शक्ति, आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का पर्व भी है। इस दौरान लोग सकारात्मकता, सेवा और भक्ति के मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
संस्कार और संस्कृति का संगम
नवरात्रि भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है। देशभर में विभिन्न परंपराओं से यह पर्व मनाया जाता है। पश्चिम में गरबा-डांडिया, उत्तर में रामलीला, दक्षिण में गोल्लू उत्सव और पूर्व में दुर्गा पूजा।
इस पावन अवसर पर हम सभी को माँ दुर्गा से शक्ति, समृद्धि और सद्भावना की कामना करनी चाहिए।
“जय माता दी!”