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असगर का झूला नगर में बड़े ही अकीदत व एहतेराम के साथ निकला

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अमित मिश्रा

सोनभद्र। हीरा बाबा वारसी के टैक्सी स्टैंड रावटसगंज स्थित मकान से पूर्व की ही भांति इस बार भी असगर का झूला बड़े ही अकीदत व एहतेराम के साथ निकला। अली असगर के झूले के जुलूस में पुरुषों के साथ ही औरतों और बच्चों की भी भारी भीड़ उपस्थिति रही। असगर के झूले में मुसलमानों के अलावा अन्य धर्मों के अनुयायी भी बड़ी संख्या में शामिल थे। जुलूस टैक्सी स्टैंड से उठकर पुलिस चौकी, धोबियांन मोहाल, मेंन चौक-मेन मार्केट होते हुए पुनः टैक्सी स्टैंड पर पहुंचकर संपन्न हुआ। जगह-जगह अकीदतमंदो ने शरबत, खिचड़े और बिरयानी का लंगर भी जुलूस में शामिल लोगों को तक्सीम किया। जुलूस में हीरा बाबा वारसी ने 6 माह के नन्हे अली असगर की शहादत का जिक्र बड़े ही मार्मिक अंदाज से किया। उन्होंने कहा कि यजीदी फौज में जहां 22 हजार की तादाद थी, वही मौला हुसैन के साथ 72 की तादाद थी। जिसमें 6 माह के अली असगर से लेकर 72 साल के बूढ़े भी शामिल थे। मोहर्रम का महीना हर साल जब आता है तो 6 माह के मौला अली असगर को याद करके लोगों का कलेजा मुँह को आ जाता है। रेणुकूट से आए शायरों ने कर्बला पर मनकबत पढ़कर शमाँ बांध दिया। नवजवानों ने नारे हैदरी, या हुसैन, व मौला अली असगर के नारे लगाते नही थकते थे। इस मौके पर ताजियादार एसोसिएशन अहले सुन्नत वल जमात के सदर रोशन खान, मुनीर खान वारसी, एम ए सिद्दीकी एड, शेख जलालुद्दीन, मुश्ताक खान, अशरफ अली, सगीर वारसी, साजिद खान, इमरान खा, रिजवान वारसी, फिरोज खान, अमित सिंह, आलमगीर, अनस खान, राकेश कुमार, गुड्डा, शेरू आदि सैकड़ों की संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।

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