O- धधरौल डैम का नाम ‘सरदार सरोवर’ रखे सरकार, यही होगी लौहपुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि : संदीप मिश्रा
O- मोर्चा संयोजक बोले, अब हर अन्याय के खिलाफ बुलंद होगी किसानों की आवाज़
रामगढ़ (सोनभद्र) । राष्ट्र एकता, दृढ़ इच्छाशक्ति और जनसेवा की प्रतीक लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को किसान नौजवान संघर्ष मोर्चा की ओर से श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मोर्चा के संयोजक संदीप मिश्रा ने सरदार पटेल के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि सरदार साहब कहा करते थे, जब तक अन्नदाता खुशहाल नहीं होगा, तब तक देश समृद्ध नहीं हो सकता। आज उनकी इस सीख को आत्मसात करने का समय है।
किसानों के दर्द की पुकार, प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मिले न्याय
संदीप मिश्रा ने कहा कि पिछले दिनों आए मौसमी तूफान और भारी वर्षा से कई किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं। यह केवल आर्थिक नहीं बल्कि भावनात्मक नुकसान भी है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के आदर्शों पर चलना केवल प्रतिमाओं के निर्माण या जयंतियां मनाने से नहीं होगा, बल्कि उनके बताए रास्ते पर चलकर किसानों और मजदूरों के हित में ठोस कदम उठाने से होगा।
धधरौल डैम को सरदार सरोवर बनाने की मांग
मोर्चा संयोजक संदीप मिश्रा ने भावुक होते हुए कहा कि सोनभद्र की धरा हमेशा संघर्ष, श्रम और एकता की प्रतीक रही है। “सरदार पटेल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि धधरौल डैम का नाम बदलकर ‘सरदार सरोवर’ रखा जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां हर दिन उनके नाम से प्रेरणा ले सकें।” उन्होंने कहा कि जब गुजरात में सरदार सरोवर बांध एकता और विकास का प्रतीक बन सकता है, तो सोनभद्र में भी यह नाम किसानों की एकजुटता और श्रम के सम्मान का प्रतीक बन सकता है।
‘किसान नौजवान संघर्ष मोर्चा’ बनेगा जनआवाज़ का पर्याय
संदीप मिश्रा ने आगे कहा कि मोर्चा के कार्यकर्ता अब केवल किसान हित में नहीं, बल्कि हर जनहित मुद्दे पर आवाज़ उठाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा—
“जहाँ भी किसानों, नौजवानों, मजदूरों या असहाय वर्गों के साथ अन्याय होगा, वहाँ किसान नौजवान संघर्ष मोर्चा संघर्ष करता हुआ दिखेगा। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, व्यवस्था से है। जब तक व्यवस्था जनहित के अनुकूल नहीं होगी, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
सरदार पटेल के विचार आज भी प्रासंगिक
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरदार पटेल ने न केवल देश को 562 रियासतों में बिखरी सीमाओं से जोड़कर एक भारत का निर्माण किया, बल्कि उन्होंने ग्राम स्वराज और किसान कल्याण की भावना को संविधान की आत्मा में पिरोया। उनकी जीवन यात्रा हमें यह सिखाती है कि सत्ता का मूल्य तभी है जब वह जनता के हित में कार्य करे। कार्यक्रम के दौरान सरदार पटेल के जीवन, संघर्ष और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया और युवाओं को उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा दी गई।
मोर्चा ने लिया संकल्प, “अन्नदाता के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं”
मोर्चा संयोजक ने कहा कि आने वाले समय में सोनभद्र के हर गाँव में किसान, नौजवान और मजदूरों की आवाज़ बुलंद होगी। उन्होंने कहा,
“हमने ठान लिया है कि जब तक आखिरी किसान मुस्कुरा नहीं देता, तब तक हमारा संघर्ष रुकेगा नहीं। यह संकल्प सरदार पटेल की प्रेरणा से जन्मा है।”
कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब
सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभा स्थल पर ‘एकता अमर रहे, किसान एकजुट रहे’ के नारे गूंजते रहे। इस मौके पर शिवचरन पटेल, विक्की पटेल, सदीप पटेल, आकाश चौहान, अनूप बिन्द, अमन पासवान, सत्रुधन बिन्द, दिनेश चेरो, नागेन्द्र धागर, सतीस उरांव, रामयस खरवार, बिन्दू माझी, रामप्यारे जायसवाल, रबि गुप्ता, दया केसरी, रघुबीर गोस्वामी, शिव बिन्द, विजय प्रदुम्न, श्रीकान्त, लल्लन, राधेश्याम, मुरहु, राहुल, अरविन्द सहित हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में सरदार पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया और देश की एकता, किसानों की समृद्धि तथा सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष का संकल्प लिया गया।