



अमित मिश्रा
समिति के लोगो ने जिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। 500 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या में रामलला की भव्य मंदिर बना तो जनपद में प्राचीन पौराणिक शिवपार्वती मन्दिर की जमीन को पुजारी ने भगवान शिवपार्वती को ही मृत दिखाकर अपने नाम करा लिया,जिसकी शिकायत लेकर मन्दिर समिति व गांव के लोगो ने जिला अधिकारी से किया तो जिलाधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया।
महाशिवरात्रि को लेकर पूरा देश अपने-अपने अंदाज से मनाने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है तो वही जनपद के शिवद्वार में प्राचीन शिवपार्वती मन्दिर के पुजारी ने भगवान को ही मृतक घोषित करके जमीन अपने नाम करा लेने का मामला सामने आया है।घोरावल थाना क्षेत्र में एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है भगवान शिव और माता पार्वती के नाम से बने ट्रस्ट ( शिव पार्वती प्राचीन काशी सेवा समिति) की जमीन को मंदिर के ही पुजारी ने भगवान शिव और माता पार्वती को मृत दिखाकर जमीन को अपने नाम कर लिया और उसे जमीन पर अपने लोगों द्वारा दुकान खोलकर अतिक्रमण कर लिया गया जब इस मामले की जानकारी समिति को हुई तो समिति में हड़कंप मच गया।
समिति के लोगों के द्वारा मामले की शिकायत जिला अधिकारी से की गई वहीं जिला अधिकारी द्वारा मामले में जांच कर यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया लेकिन जब मीडिया ने इस मामले पर जानकारी लेना चाहा तो जिला अधिकारी ने मामले की पूरी जानकारी न होने की बात कह कर मीडिया से बात करने से मना कर दिया।
समिति के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार शिवद्वार में स्थित अति प्राचीन मंदिर और मंदिर के प्रांगण की कागजातों में हेर फेर कर मंदिर वह मंदिर की जमीन को अपने नाम करने का मामला प्रकाश में आया है दरअसल मंदिर के पुजारी द्वारा जमीन व मंदिर को अपने नाम कर लिया गया और मंदिर से होने वाले आए को भी हड़प लेने का मामला प्रकाश में आया है वही मामले की जानकारी होने के बाद समिति के लोगों के द्वारा मामले की शिकायत एसडीएम घोरावल से की गई तो उन्होंने मामले को सही बताया इसके बाद समिति के लोग जिलाधिकारी के यहां अपनी फरियाद लेकर पहुंचे जिला अधिकारी को मामले की जानकारी दी और इस मामले में जल्द ही कार्यवाही किए जाने की मांग किया। वहीं जिला अधिकारी ने कागजात को लेते हुए मामले की जांच कर कर यवाही किए जाने का आश्वासन दिया।
जानकारों की माने तो 11वीं शदी की भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित है और पर्यटन के लिहाज से भी यह मंदिर महत्वपूर्ण स्थान रखता है यहां श्रावण मास में एक माह के लिए मेला लगने के साथ ही शिवरात्रि बसंत पंचमी जैसे अवसरों पर मेला लगता है अति प्राचीन मंदिर होने के कारण इसकी महत्ता भी अधिक बताई जाती है।
समिति उपाध्यक्षज श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि मंदिर के पुजारी के द्वारा कागजातों में है फिर कर मंदिर व मंदिर की जमीन को अपने नाम करने वी मंदिर की जमीन पर अपने परिजनों की दुकान लगाकर अतिक्रमण करने के कारण मंदिर समिति के लोगों में तथा स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। वही पुजारी के द्वारा मंदिर मैं चढ़ाए जाने वाले चढ़ावा को भी मंदिर वह सेवार्थ कार्यों में न लगाकर व्यक्तिगत रूप से खर्च किए जाने की भी शिकायत जिला अधिकारी से की गई साथ ही यह मांग किया गया कि जो समिति प्रशासन के द्वारा बनाई गई है उसे समिति को जिम्मेदारी सौंपते हुए दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाए जिससे मंदिर में चढ़ाए जाने वाले चढ़ावा का इस्तेमाल मंदिर की देखरेख व आमजन के सेवा भाव के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
वही जब इस मामले में जिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जानकारी अभी नहीं है जानकारी होने के बाद मीडिया से इस संबंध में बात करेंगे।