



सी एस पाण्डेय
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भजन सरोवर में लगाया गोता
बभनी। विकास खण्ड बभनी के असनहर श्री हरिशंकर मन्दिर में नौ दिवसीय रामकथा एवं श्री राम चरित मानस महायज्ञ में प्रथम दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा को श्रवण किया।और कथा रूपी सरोवर में गोता लगाया।
अयोध्या धाम से आए कथा वाचक पूज्य देवेन्द्राचार्य जी महाराज द्वारा सबसे पहले मंगलाचरण एवं व्यास पीठ का पूजन किया।इसके बाद अमृतरुपी वाणी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर लिया। उन्होंने कहा
“जाने बिनु न होई परतिती ,बिनु परतीति होई नहिं प्रीती” अर्थात कि लोग जब कथा से परिचित होगे तभी प्रेम जागृत होगा।जो भी मनुष्य जीव इस धरती पर आया तब पूजा पाठ करने का अवसर मिला है। वह भाग्यशाली हैं अनेकों जन्म के भाग्योदय हुआ तब जाकर कथा सुनने का मौका मिलता है।जब सन्तों की कृपा होती है तो मरा मरा शब्द बोलने पर राम राम हो जाता है। उन्होंने रामचरित मानस की महत्ता और तुलसी दास बाल्मिकी चरित का भी वर्णन किया।

इसके साथ ही अयोध्या महिमा का भी वर्णन किया।”जे श्रद्धा संबल रहित नहिं संतन कर साथ,तिन्ह्कहुं मानस अगम अति जिन्हहिं न प्रिय रघुनाथ” अर्थात जिनके मन में श्रद्धा नहीं है और संतों का साथ नहीं है और जिनको श्री रघुनाथजी प्रिय नहीं हैं, उनके लिए यह मानस अत्यंत ही अगम है, तुलसीदास जी राम चरित मानस की रचना संस्कृत भाषा में करना चाहते थे जब वो संस्कृत में दिन भर लिखते और रात को विश्राम करने के लिए जाते अगले दिन आकर देखते तो पहले का सब लिखा मिट जाता था फिर तुलसी दास जी को बहुत ही ग्लानि हुई और भगवान शिव की उपासना किये,तत्पश्चात शिव जी के निर्देंसनुसार रामायण की रचना सरल अवधी भाषा में कियये।कथा मे राम अनुज पाण्डेय, रघुनाथ देव पाण्डेय,भृगनारायण पाण्डेय,भोला कश्यप,राम प्रकाश, कामेश्वर तिवारी,प्रभारी निरीक्षक सदानंद राय सहित महिला पुरुष मौजूद रहे।