ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर, आदिवासियों ने किया विरोध प्रदर्शन,जंगल विभाग बना रोड़ा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

सोनभद्र। नगवां ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिकरवार के गांव साड़ सोत में आदिवासी और दलित समुदाय के लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चंदौली जनपद का जंगल विभाग इस समस्या का मुख्य कारण बना हुआ है, जो ग्रामीणों के पेयजल आपूर्ति में रोड़ा डाल रहा है।

समस्या की जड़

ग्रामीणों को सरकार की जनकल्याणकारी योजना “हर घर नल जल” से पानी नहीं मिल रहा था, जिससे वे नदी-नालों का दूषित पानी पीने को मजबूर थे। इस मामले को समाचार पत्रों और चैनलों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसके बाद जल निगम ने जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया। लेकिन जंगल विभाग के कर्मचारियों ने इसमें अड़ंगा लगाया।

विरोध प्रदर्शन

शनिवार को जंगल विभाग के कर्मचारियों ने पाइपलाइन को उखाड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने जंगल विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया और कार्यवाही की मांग की। ग्रामीण माराच्छू राम और संपत ने कहा कि जंगल विभाग की दबंगई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कार्रवाई का आश्वासन

एक्सियन जल निगम अरुण सिंह ने आश्वासन दिया है कि वे जंगल विभाग के संपर्क में हैं और जल्द ही परमिशन लेके पाइपलाइन को अंडरग्राउंड कर दिया जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे जिलाधिकारी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

विरोध प्रदर्शन करने वालों में हिरालाल शारदा भारती संजय गोपाल राकेश समसेर राम बचन बनारसी फुलवा देवी लक्षमीना बचीया  सोना धनमतिया कलावती परियारी रामावती  आदि लोग मौजूद थे

Leave a Comment

908
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?