अमित मिश्रा
सोनभद्र। शासन प्रशासन एवं अन्य अधिकारीयों द्वारा विधि का पालन न करने और ठगी पीड़ितों का भुगतान न करने के विरुद्ध रविवार से ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार सरकार के विरुद्ध अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन की घोषणा की और अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए धरने पर बैठे है।
अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा.
भुगतान करो या सत्ता छोडो के गगनभेदी नारों के साथ ठगी पीड़ितों ने कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और अपने डूबे हुए धन को वापस करने की मांग किया है।
अनियमित जमा योजनाएं पाबन्दी अधिनियम 2019 के अंतर्गत देश के प्रत्येक जिले में में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनका भुगतान करने हेतु भुगतान पटल की स्थापना कागजों में कानून में हुई थी। अनियमित जमा और नियमित जमा योजनाओं में जनता के जमाधन की वापसी हेतु संसद और सरकार ने देश भर में विशेष न्यायालय सक्षम अधिकारी सहायक सक्षम अधिकारी और अन्य नोडल एजेंसीज का चयन एवं नियुक्ति की थी। कानून बनाकर जनता को यह विश्वास दिलाया था कि सरकार उनका डूबा हुआ ठगा गया धन वापस करेंगी और दोषी संचालको को दण्डित करेंगी, समयबद्ध कानून के लागू होने के 5 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी बहुत से राज्यों एवं जिलों में संघ या राज्यों ने Buds Act 2019 के अंतर्गत पीड़ितों से न आवेदन आमंत्रित किए न आवेदन लेने के बाद उनका धन विधिसम्मत रूप से वापस किया जो करोड़ों नागरिकों के साथ अन्याय है और इसका प्रतिकार करना हमारा धर्म है अधिकार है।
ठगी पीड़ितों का भुगतान, क्षतिपूर्ति और निर्दोष एजेंट्स को सुरक्षा सम्मान न्याय अविलम्ब सुनिश्चित करवाने और दोषी अधिकारियों एव्ं ठगों के विरुद्ध सख्त कानूनी कारवाई करवाने के लिए ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार, निवेशक और अभिकर्ता जिला कलेक्ट्रेट, सचिवालय, तहसील और पुलिस थाना समेत सम्पूर्ण देश में बेईमान सिस्टम के विरुद्ध अहिंसक शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन आरम्भ कर दिया है और हमारे सत्याग्रही सत्याग्रह (धरना स्थल) पर ही मांग पूरी न होने तक दिन रात बैठे रहेंगे।
इस दौरान हरिश्चंद्र पाण्डेय, राजेश्वर त्रिपाठी, देवनाथ सिंह, नन्दलाल सिंह, रामबचन प्रजापति,रामसुरत, कलावती,अनिता, अमरावती, गीता, उर्मिला देवी ,कौशिल्या शामिल रहे।