



सी एस पाण्डेय
जब सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का! सब सेटिंग है भाई…
खनन माफियाओं के ट्रैक्टरों से छलनी हो रहीं नदियां
बभनी (सोनभद्र) । बभनी वन रेंज की नदियों में इन दिनों अवैध बालू, गिट्टी और बोल्डर के खनन का खेल जोर-शोर से चल रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस पर वन विभाग और पुलिस प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। नतीजतन, खनन माफिया बेखौफ होकर बालू, बोल्डर और सोलिंग का अवैध परिवहन कर राज्य सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लगा रहे हैं।
थाना क्षेत्र के सागोबाध, अहिर बुढ़वा, शिवघाट, आसनडीह, चौना, घघरा, महलपुर, तेंदुअल, बैना और धनवार गांव की नदियों से अवैध रूप से बालू, गिट्टी और बोल्डर का परिवहन किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों की चुप्पी के पीछे ‘सब सेटिंग’ की चर्चा जोरों पर है। लोगों का कहना है, “जब सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का!”
सूत्रों के अनुसार, खनन माफिया बिचौलियों के जरिए प्रशासनिक कर्मचारियों और अधिकारियों से साठगांठ कर खुलेआम खनन कर रहे हैं। नदियों से निकाली गई सैकड़ों ट्रैक्टर बालू प्रतिदिन बाजारों में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है, जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
इस संबंध में जब वन क्षेत्राधिकारी प्रेम प्रकाश चौबे से बात की गई तो उन्होंने कहा, “खनन की जानकारी नहीं है, जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
फिलहाल, अवैध खनन से क्षेत्र की नदियों का सीना छलनी हो रहा है और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंच रहा है। देखना यह है कि प्रशासन इस पर कब और क्या ठोस कार्रवाई करता है।