अमित मिश्रा
घोरवाल तहसील परिसर में किसानो ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जनपद में खाद की किल्लत अभी खत्म होती नही दिखती है क्योंकि घोरावल क्षेत्र मे किसानों के समक्ष पिछले माह में यूरिया खाद की कमी थी अब डीएपी खाद की बनी हुई है। जिसको लेकर सोमवार को तहसील में किसानों ने प्रदर्शन कर प्रशासन का आकृष्ट कराते हुए डीएपी खाद की समस्या को दूर करने की मांग किया है।
साघन सहकारी समिति सिरसाई (पुरना) से जुड़े किसानों ने उपजिलाधिकारी को अपनी शिकायत रखी। किसान गोविंद सिंह, जगनारायण, राम जी, अलगू, रामनरेश, गंगासागर, उदयभान समेत कई किसानों का कहना है कि चार-पांच दिनों पहले 300 बोरी खेप डीएपी खाद सिरसाई (पुरना) गोदाम पर पहुंची और जब आज सोमवार को वितरण शुरू हुआ तो हजारो किसान की लाइन लग गई। प्रत्येक किसानों को दो से तीन बोरी खाद की आवश्यकता है लेकिन 300 बोरी खाद ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। जहां 3000 किसानों को आवश्यकता है वहां 300 बोरी में मारामारी की स्थिति बनने लगी थी। लेकिन किसानों ने आपसी सामंजस्य से जितना हो सका उतना वितरण प्राप्त किया। इससे नाराज किसानों ने तहसील में पहुंचकर इस संबंध के बाबत एसडीएम आशीष त्रिपाठी से अपनी समस्या बताई। इस समस्या के संबंध में एसडीएम आशीष कुमार त्रिपाठी ने किसानों को आश्वासन दिया कि अगले दो-तीन दिनों में उन्हें खाद उपलब्ध हो जाएगी।
घोरावल तहसील क्षेत्र के पश्चिमी एरिया के साधन सहकारी समिति से जुड़े 29 राजस्व गांव पुरना, फुलवारी, रेही, बसही, मूर्तिया, सपही, इमलीपोखर, तेंदुहार, कड़िया, बभनी, अमिलौधा, घुवास, कन्हारी, देवरीकांठ आंशिक समेत अन्य गांव के किसान खाद के लिए आज भी परेशान हैं। किसानों का कहना है कि आज भी ब्लैक रेट में बाजार में खाद बिक जा रहे हैं और समिति पर किसानों को खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो सक रही है। डीएपी के बोरी मे भी मिलावट समझ में आ रही है। उत्तम क्वालिटी की खाद के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। किसान मजबूरी में जो भी मिल रहा है उसे लेकर खेती कर रहे हैं।







