



वीरेन्द्र कुमार
प्राचीन काली मंदिर का निर्माण अंग्रेजी शासन काल मे हुआ था,झारखण्ड और यूपी में खूब है प्रसिद्धि
विंढमगंज(सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)। स्थानीय विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सलैयाडीह में रांची रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग व अंग्रेजों के जमाने में निर्मित पोखर के भिट्ठे पर स्थित मां काली मंदिर पर चैत्र नवरात्रि पर प्रतिदिन जहां सुबह-शाम मंदिर के पुजारी के मनोज तिवारी द्वारा आरती पूजन में शाम को क्षेत्र से सैकड़ो की तादाद में महिला व पुरुषों एकत्रित होकर महा आरती में शामिल हो रहे हैं तत्पश्चात स्थानीय जनों के द्वारा प्रसाद का वितरण किया जा रहा है।
इस मंदिर के विषय मे पुजारी मनोज तिवारी ने कहा कि अंग्रेजी काल में निर्मित मां काली मंदिर की स्थापना क्षेत्र में अमन चैन बनाए रखने के लिए किया गया था उसी समय में ही हमारे दादा रामप्रसाद तिवारी मंदिर के पुजारी रखे गए थे, तब से ही पूरे वर्ष के दोनों नवरात्र पर स्थानीय जनों के सहयोग से महा आरती कराया जा रहा है। इसमें क्षेत्र श्रद्धालु की भारी भीड़ उमड पड़ती है ऐसी मान्यता है कि मां काली की प्राण प्रतिष्ठा के समय से ही लोगों की मन्नत पूरा करती चली आ रही है साथ ही साथ क्षेत्र के लोगों के ऊपर किसी भी देवी आपदा नहीं हुआ है। इसी संकल्प के साथ हम सभी श्रद्धालु के साथ मिलकर मां काली के 9 स्वरूप का प्रतिदिन शाम को महा आरती किया जाता है तथा स्थानीय जनों के द्वारा महाप्रसाद का वितरण रोज किया जाता है।
इस मौके पर नंदू तिवारी, राजेश तिवारी, राजू रंजन तिवारी, अशोक जायसवाल, ऋषिकेश जायसवाल, अरुण जायसवाल, दीपक गुप्ता, प्रवेश गुप्ता, अमजित केसरी, उदय जायसवाल, मोटू पंडित, सोने लाल, अरविंद गुप्ता सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।