ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जल्द शुरू होगा ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक

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अमित मिश्रा

सोनभद्र में बन रहे तीन अत्याधुनिक एडीटीसी, सड़क सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

सोनभद्र । जनपद में ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों को जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से लैस ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (एडीटीसी) पर परीक्षण देने का अवसर मिलेगा। राबर्ट्सगंज के छपका पावर हाउस के पीछे बन रहा एडीटीसी लगभग तैयार हो चुका है। यह सेंटर ड्राइविंग प्रशिक्षण और परीक्षण की आधुनिक तकनीक से लैस होगा, जो सड़क सुरक्षा और ड्राइविंग स्किल में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

निर्माणाधीन एडीटीसी का निरीक्षण करते एआरटीओ धनवीर यादव

शुक्रवार को परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रशासन धनवीर यादव और आरआई आलोक कुमार यादव ने निर्माणाधीन एडीटीसी का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र में बन रहे ट्रैक और अन्य सुविधाओं का गहनता से निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि निर्माण कार्य तय समय सीमा में पूरा हो और केंद्र जल्द से जल्द चालू हो सके।

निर्माणाधीन एडीटीसी का निरीक्षण करते एआरटीओ धनवीर यादव

मार्च तक तैयार होगा पहला सेंटर

एआरटीओ धनवीर यादव ने बताया कि छपका में बन रहा दो एकड़ में फैला यह टेस्ट ट्रैक पूरी तरह से आधुनिक और हाईटेक होगा। उन्होंने कहा, “परिवहन आयुक्त के निर्देश पर पीपीपी मॉडल के तहत बनाए जा रहे इस सेंटर का उद्देश्य चालकों की ड्राइविंग स्किल में सुधार करना और सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाना है।”

उन्होंने बताया कि ट्रैक का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, केवल मशीनें और कैमरे लगने बाकी हैं। मार्च तक इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे इस वित्तीय वर्ष के अंत तक सेंटर चालू हो सके।

निर्माणाधीन एडीटीसी का निरीक्षण करते एआरटीओ धनवीर यादव

तीन जगहों पर बन रहे अत्याधुनिक एडीटीसी

सोनभद्र में तीन स्थानों पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाए जा रहे हैं:

  1. छपका (राबर्ट्सगंज) – निर्माण कार्य अंतिम चरण में, मार्च तक होगा तैयार।
  2. हिन्दुआरी के पास ‘शिवा एडीटीसी’ – निर्माण कार्य प्रगति पर।
  3. संत कीनाराम स्कूल के पास ‘ग्रामीण इंटरप्राइजेज एडीटीसी’ – जल्द पूरा होने की संभावना।

एआरटीओ ने बताया कि इन सभी सेंटरों को जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह केंद्र पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनाए जा रहे हैं और पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होंगे।

सड़क सुरक्षा को मिलेगी मजबूती, शिकायतों का होगा समाधान

ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की कमी के कारण अभी तक जनपद में ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोग गाड़ी लेकर नहीं आ पाते थे, जिससे उन्हें ड्राइविंग टेस्ट देने में कठिनाई होती थी।

इन अत्याधुनिक सेंटरों के शुरू होने से न केवल लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। प्रशिक्षित चालकों के सड़क पर उतरने से दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, इन सेंटरों पर मिलने वाले प्रशिक्षण से नए चालकों की ड्राइविंग स्किल में भी सुधार होगा।

परिवहन विभाग की बड़ी पहल

परिवहन विभाग ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत इन सेंटरों के निर्माण के लिए निजी संस्थाओं को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया है। एआरटीओ धनवीर यादव के प्रयासों से सोनभद्र में तीन अत्याधुनिक एडीटीसी बन रहे हैं, जो ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएंगे।

सड़क सुरक्षा और प्रशिक्षण में सुधार

ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक और प्रशिक्षण केंद्रों के शुरू होने से:

  • सड़क सुरक्षा में सुधार: प्रशिक्षित चालकों से दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
  • लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता: ऑटोमेटेड सिस्टम से निष्पक्ष और सटीक परीक्षण।
  • ड्राइविंग स्किल में सुधार: आधुनिक तकनीक से युक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • शिकायतों का समाधान: स्थानीय स्तर पर टेस्टिंग की सुविधा मिलने से आवेदकों की परेशानियां होंगी कम।

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