



अमित मिश्रा
सोनभद्र । आंगनबाड़ी संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के आवाहन पर गुरुवार को जिले भर की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी वर्षों से लंबित मांगों को लेकर जोरदार जुलूस निकाला और लोधी से जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व जिला/ब्लॉक अध्यक्ष प्रतिमा द्वारा किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने एजुकेटर भर्ती का विरोध, ऑनलाइन कार्य की अनिवार्यता को समाप्त करने, सेवा शर्तों में सुधार और स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
अध्यक्ष प्रतिमा ने कहा, “प्रदेश सरकार बढ़ती महंगाई के दौर में हमें न केवल न्यूनतम वेतन से वंचित कर रही है, बल्कि बिना संसाधनों के जबरन ऑनलाइन कार्य थोपकर मानसिक तनाव और शोषण की स्थिति में डाल रही है।” उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सामाजिक व स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना को 50 वर्ष पूरे हो गए हैं, फिर भी इन्हें अब तक स्थायी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया है।
संगठन की सचिव ने कहा, “आंगनबाड़ी सेविका ने देश को पोलियो मुक्त बनाया, कोरोना में जान जोखिम में डालकर काम किया, लेकिन रिटायरमेंट के समय उन्हें पेंशन या किसी भी वित्तीय सुरक्षा से वंचित कर दिया जाता है। यह बेहद अन्यायपूर्ण और पीड़ादायक है।”
वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने भी डिजिटल कार्य प्रणाली की अव्यवहारिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिना आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षण के फेस आईडी, ओटीपी, आधार फीडिंग जैसे तकनीकी काम जबरन कराए जा रहे हैं, जिससे कई कर्मचारियों की जान तक चली गई है।
प्रदर्शन में यह भी मांग की गई कि मुख्य सेविका के पदों पर योग्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रमोशन दिया जाए, न कि बेसिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को उनके कार्य का पर्यवेक्षक बनाया जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
प्रदर्शन में रंजन, विंध्यवासिनी, गीता सिंह, गीता देवी, अनीता, पुनीता, निर्मला, आशा कुमारी, कविता, दुर्गावती, सुशीला, कुसुम, मीरा, साधना रघुवंशी, संगीता, मुन्नी, माधुरी पांडेय, उर्मिला देवी, सोनम, विमला शर्मा सहित दर्जनों कार्यकत्रियाँ शामिल रहीं।