एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर व्यापारी समागम का आयोजन संपन्न

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टिकोण से हुई व्यापक चर्चा

सोनभद्र । स्थानीय ज्योति इंटरनेशनल होटल में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर व्यापारी समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सदर विधायक भूपेश चौबे, भाजपा जिला अध्यक्ष नंदलाल गुप्ता, भूतपूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सहित व्यापारिक संगठन से जुड़े कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य “एक साथ चुनाव” की व्यवहारिकता और प्रभावों पर विचार-विमर्श करना रहा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन के जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा ने छह प्रमुख बिंदुओं के माध्यम से इस विचार की उपयोगिता और चुनौतियों को सामने रखा। उन्होंने कहा कि अलग-अलग समय पर चुनाव कराने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं तो चुनावी खर्च में भारी कटौती संभव है।

श्री शर्मा ने प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव होने से पुलिस, शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगती है जिससे जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होती हैं। उन्होंने बताया कि एक साथ चुनाव से समय, संसाधन और मानव बल की बचत होगी। इसके अलावा, बार-बार लगने वाली आदर्श आचार संहिता से विकास कार्यों में जो रुकावट आती है, वह भी दूर हो सकेगी।

हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस विचार को लागू करने में कई संवैधानिक व व्यवहारिक अड़चनें मौजूद हैं। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 83(2) और 172(1) में संशोधन करना होगा। साथ ही राज्यों की सरकारों का कार्यकाल समन्वित करना भी एक बड़ी चुनौती होगी, जो संघीय ढांचे को प्रभावित कर सकता है।

राजनीतिक दृष्टिकोण से श्री शर्मा ने बताया कि विभिन्न दलों की सहमति के बिना इसे लागू करना कठिन है। कुछ दल इसका समर्थन करते हैं, तो कुछ इसके विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि लाखों ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की व्यवस्था, पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती, तथा भौगोलिक व मौसम संबंधी परिस्थितियां भी इस विचार को व्यवहार में लाने में बाधा बन सकती हैं।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि किसी सांसद या विधायक का आकस्मिक निधन हो जाए तो उपचुनाव की आवश्यकता होगी, जिससे “एक साथ चुनाव” की निरंतरता भंग हो सकती है। साथ ही, एक साथ चुनाव के दौरान राष्ट्रीय मुद्दे हावी हो सकते हैं, जिससे स्थानीय समस्याएं पीछे छूट सकती हैं।

कार्यक्रम के अंत में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की। समिति की रिपोर्ट मार्च 2024 में राष्ट्रपति को सौंप दी गई। दिसंबर 2024 में लोकसभा में प्रस्तुत विधेयक को 269 सांसदों ने समर्थन दिया जबकि 198 सांसदों ने विरोध किया।

समागम में प्रमुख रूप से जिला महामंत्री प्रितपाल सिंह, नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन, जिला कोषाध्यक्ष शरद जायसवाल, नगर मंत्री अभिषेक केसरी, धर्मेंद्र प्रजापति एवं प्रमोद गुप्ता समेत अनेक व्यापारीगण उपस्थित रहे।

Leave a Comment

908
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?