



अमित मिश्रा
“एक राष्ट्र, एक चुनाव, महिला सम्मेलन में जागरूकता और समर्थन का आह्वान”
“एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर महिला सम्मेलन सम्पन्न
महिलाओं ने साझा किया एक साथ चुनाव कराने का संकल्प
सोनभद्र। “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने और महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से उरमौरा स्थित निजी कॉलेज में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा भव्य महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और एक स्वर में एक साथ चुनाव कराने के समर्थन में अपना मत प्रकट किया।
सम्मेलन की मुख्य अतिथि प्रदेश मंत्री मीना चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि देश में बार-बार चुनाव कराए जाने से सरकारी खजाने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है। यदि इसमें राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले खर्च को भी जोड़ दिया जाए, तो व्यय की मात्रा और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि “एक साथ चुनाव से जहां खर्च में भारी कटौती संभव है, वहीं इससे देश की विकास गति को भी नई ऊर्जा मिलेगी।”
क्षेत्रीय अध्यक्ष नम्रता चौरसिया ने कहा कि बार-बार चुनावों के चलते सरकारी मशीनरी के कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे आम नागरिकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बार-बार आचार संहिता लागू होने से विकास कार्यों पर भी विराम लग जाता है, जो जनहित के कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है।
नगरपालिका अध्यक्ष रूबी प्रसाद ने कहा कि बार-बार आचार संहिता लागू होने से नीतिगत निर्णयों में देरी होती है और विकास योजनाओं की गति धीमी हो जाती है। जिलाध्यक्ष पुष्पा सिंह ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से मतदाताओं का चुनावों के प्रति आकर्षण कम होता है, जबकि एक साथ चुनाव से मतदाता सहभागिता में बढ़ोतरी होगी।
सम्मेलन में प्रमिला त्रिपाठी ने कहा, “‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ न केवल आर्थिक दृष्टि से देश के लिए लाभकारी है, बल्कि यह लोकतंत्र को भी सशक्त करेगा। बार-बार होने वाले चुनाव केवल संसाधनों की बर्बादी नहीं करते, बल्कि प्रशासन और विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न करते हैं। यदि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं, तो सरकारें पूरे कार्यकाल में नीतिगत निर्णयों पर केंद्रित रह सकेंगी, जिससे देश को स्थायित्व और विकास की नई दिशा मिलेगी।”
जिला संयोजिका डॉ. रचना तिवारी और महाविद्यालय की प्राचार्य अंजली विक्रम सिंह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराए जाने से शासन में निरंतरता आएगी, जिससे सरकारें बिना चुनावी दबाव के जनहित के निर्णय ले सकेंगी। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में गति आएगी, बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी।
सम्मेलन में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष कुसुम शर्मा, चुर्क चेयरमैन मीरा यादव, कल्पना श्रीवास्तव, प्रमिला त्रिपाठी, रितु अग्रहरी, तारा देवी, आरती चौबे, डॉ. मालती शुक्ला सहित अनेक गणमान्य महिलाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी माहौल को जीवंत कर दिया।
महिला मोर्चा के इस आयोजन ने एक राष्ट्र, एक चुनाव के महत्व को रेखांकित करते हुए यह संदेश दिया कि संगठित प्रयासों से देश में व्यापक बदलाव संभव है।