सोनभद्र में 1914 छात्राओं को मिली साइकिल, खिले चेहरे – शिक्षा को नई रफ्तार

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

O – जनजातीय छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए किया गया प्रोत्साहित। समाज कल्याण राज्यमंत्री ने किया वितरण

सोनभद्र । आज का दिन सोनभद्र की 1914 छात्राओं के लिए खास बन गया जब उन्हें उच्च शिक्षा की राह में मददगार बनने वाली साइकिलें भेंट की गईं। डायट मैदान उरमौरा में आयोजित भव्य कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री श्री संजीव कुमार गौंड़ एवं जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने मिलकर अनुसूचित जनजाति वर्ग की कक्षा 6, 9 और 11 में पढ़ने वाली छात्राओं को यह साइकिलें वितरित कीं।

कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें विद्यालय तक पहुंचने में सुविधा देना रहा। छात्राओं के चेहरे पर प्रसन्नता और उत्साह देखते ही बनता था। समारोह में जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने मंत्री का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

मंत्री श्री संजीव कुमार गौंड़ ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। साइकिल वितरण योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब कोई भी छात्रा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु कई नए विद्यालय खोले जा रहे हैं। घोरावल के उम्भा में इंटरमीडिएट विद्यालय बनकर तैयार हो चुका है, जहाँ इस सत्र से पढ़ाई शुरू होगी। सियरिया में भी आवासीय विद्यालय की स्वीकृति मिल गई है, और लोढ़ी गांव, जुगैल, परसोई व कुलडोमरी में प्रस्तावित विद्यालयों का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा।

जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “यह योजना पिछड़े वर्ग की बेटियों के लिए एक नई उम्मीद है। इससे न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उनका मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वह आत्मनिर्भर बनेंगी।”

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, सांसद प्रतिनिधि जिलाजीत यादव, विधायक प्रतिनिधि सुरेंद्र मौर्य, ब्लॉक प्रमुख अजीत रावत, जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव, शिक्षा विभाग के अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि, शिक्षक व छात्राओं के अभिभावक उपस्थित रहे।


सोनभद्र में आयोजित यह साइकिल वितरण कार्यक्रम न केवल छात्राओं के जीवन में बदलाव की शुरुआत है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण भी है। सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट है कि “बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ” अब केवल नारा नहीं, धरातल पर उतरता सच बन चुका है।

Leave a Comment

903
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?