



अमित मिश्रा
सोनभद्र। सुयक्त संघर्ष समिति, शाखा – सोनभद्र एवं राज्य विद्युत परिषद जुनियर इंजिनियर संगठन उ०प्र० जनपद शाखा सोनभद्र में अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल, सोनभद्र के कार्यालय पर संगठन के बैनर तले जनपद के समस्त अवर अभियन्तओं व प्रोन्नत सहायक अभियन्ताओं द्वारा एक जूट होकर प्रबन्ध द्वारा चलाये जा रहे पी०पी०पी० माडल का परीक्षण तथा निजीकरण के प्रस्ताव हेतु कन्सलटेन्ट / ट्राजेक्शन एडवाईजर के नियुक्ति की निविदा निकाले जाने का विरोध किया गया। ज्ञात हो कि पूर्व में वर्ष 2018 व 2020 में उ0प्र0 सरकार शासन, ऊर्जा प्रबन्धन एवं संगठनों के बीच स्पष्ट सैद्धान्तिक समझौता / सहमतियां हुई थी कि ऊर्जा क्षेत्र में किसी प्रकार का कोई भी निजीकरण नही किया जायेगा। परन्तु पूर्वान्चल एवं दक्षिणांचल डिस्काम का निजीकरण का प्रस्ताव एवं कन्सलटेन्ट नियुक्ति पूर्णतया असंवैधानिक एवं सहमतियों का खुला उल्लंघन है।
“निजीकरण गरीब विद्युत उपभोक्ताओं, किसानों, आम जनमानस एवं कर्मचारीहित में नही है। निजीकरण के प्रभाव से आम जनता के ऊपर महगी भाड़ बढेगा एवं प्रबन्धन द्वारा नई निति लाकर टी०ओ०डी० बेस्ड बिलिंग करने से सायं 05:00 बजे से रात 03:00 बजे तक की बिजली का उपभोग 15 से 20 प्रतिशत महगी होनी तय है। इससे स्पष्ट है कि ऊर्जा प्रबन्धन निजी कम्पनीयों को लाभ दिलाने के लिए इस तहर की निती लाकर निजीकरण को बढ़ावा देने उपभोक्ता हित में नही है,
विद्युत कर्मचारी इसका सदैव विरोध करते रहेगें।”
निजीकरण के विरोध में आज भी जनपद के समस्त बिजली कर्मचारी मण्डल कार्यालय में उपस्थित होकर कार्य समाप्ति के उपरान्त विरोध सभा कियें।
आज के विरोध सभा में ई० राजेन्द्र प्रसाद, ई० महेश कुमार, ई० सतिश यादव, ई० अरविन्द कुमार, ई० बाबुनन्दन, ई० अनिल कुमार, ई० शिवम गुप्ता, ई० तिर्थराज कुमार, ई० संदीप सिंह, संजय सिंह, ई० राजेन्द्र बिन्द, ई० अनिल कुमार सिंह, ई० राहुल सुन्दरम्, ई० रत्नेश सेठ, ई० प्रदीप गुप्ता, रोहित वर्मा, सिद्धार्थ मौर्या, रंजन शर्मा, नितीश कुमार, कृष्णा सोनी, रवि भूषण, आदि उपस्थित रहें।