श्रीअन्न फसलों के उत्पादन एवं पोषक तत्वों :सहदेव मिश्रा

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अमित मिश्रा

0जनपद स्तरीय एक दिवसीय किसान मेला राजकीय उद्यान परिसर लगा

सोनभद्र। बुधवार को जनपद स्तरीय एक दिवसीय किसान मेला राजकीय उद्यान परिसर लोढी रावर्ट्सगंज में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किया गया। अजीत रावत, ब्लाक प्रमुख, रार्वट्सगज एवं अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सोनभद्र मुख्य अतिथि की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। जय प्रकाश, उप कृषि निदेशक ने बताया कि कृषक फसल अवशेष जलाने के दुष्परिणामों से भिज्ञ होते हुए भी फसल अवशेष को जला देते है, जिसकी रोकथाम करना पर्यावरण सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है। खरीफ मौसम में धान की फसल तैयार हो रही है अतः कृषक भाइयों से अनुरोध है फसल कटाई के उपरान्त फसल अवशेष को अपने खेतों में कदापि न जलाये फसल अवशेष को विभिन्न कृषियंत्रों / उपकरणों जैसे, सुपर स्ट्रा मैनेजमेण्ट सिस्टम टू बी अटैच विद एग्ज़िस्टिंग कम्बाइन हार्वेस्टर, हैप्पी सीटर, स्ट्रा चापर/मल्वर, रोटेटरी स्लेशर, रिवर्सिबेल मोल्ड बोल्ड प्लाऊ, रोटावेटर इत्यादि की सहायता से फसल अवशेष को मृदा में मिला दे। फसल अवशेष मृदा में सड़कर जैविक खाद के रूप में प्राप्त होता है।

जिससे मृदा में जीवाश कार्बन की मात्रा
में वृद्धि होने से फसल उत्पादन में बढोत्तरी होगी। डा० अविनाश राम वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा पराली प्रबन्धन तकनीकियों एवं उसके लाभ तथा मृदा स्वास्थ्य के बारे विस्तृत जानकारी दी गयी। डा० एम०पी०सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा रबी फसलों के उत्पादन तकनीकी जैसे बुवाई, सिंचाई एवं कृषि निवेश के बारे में चर्चा की गयी। डा० शिशिर कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक सुआट्स द्वारा बीज एवं भूमि शोधन से होने वाले लाभ एवं पराली प्रबन्धन हेतु बायोडिकम्पोजर के उपयोग एवं होने वाले लाभ की विस्तृत जानकारी दी गयी। डा० रश्मी कृषि वैज्ञानिक द्वारा श्रीअन्न फसलों के उत्पादन एवं पोषक तत्वों से होने वाले स्वास्थ सम्बन्धी लाभों के बारे में कृषकों को जागरूक किया गया। डा० टी०डी० मिश्रा द्वारा बागवानी एवं सब्जियों के उत्पादन में प्रयोग किये जाने वाले कीटनाशकों के स्वास्थ्य एवं मृदा पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में चर्चा करते हुये कृषकों को सन्तुलित कीटनाशक प्रयोग करने की सलाह दी गयी। जिला कृषि अधिकारी सोनभद्र के द्वारा बीज चयन, सिचाई का समय एवं उर्वरकों के सन्तुलित उपयोग के साथ पराली प्रबन्धन तकनीकी विधियों जैसे इनसीटू, यन्त्रों एवं बायोडिकम्पोजर के बारे में जानकारी दी गयी। अपर जिलाधिकारी सहदेव मिश्र के द्वारा पराली से होने वाले वातावरणीय दुष्परिणाम एवं राष्ट्रीय हरित ट्रिव्युनल नई दिल्ली द्वारा पराली जलाये जाने की घटना रोकने हेतु अर्थदण्ड एवं एफ०आई०आर० के बारे में कृषकों को जागरूक किया गया। अजीत रावल, ब्लाक प्रमुख रावर्ट्सगंज द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाये जैसे पी०एम० किसान, फसल बीमा आदि के बारे में कृषकों को जागरूक किया गया।
फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सोनभद्र की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर, तहसील पर एवं क्षेत्रवार निर्धारित समितियों का गठन किया गया है जिनके द्वारा सत्तत् निगरानी की जायेगी तथा पकडे जाने पर मा० राष्ट्रीय हरित ट्रिब्युनल के द्वारा निर्धारित अर्थ दण्ड यथा 2 हे० क्षेत्रफल के लिए 2500 रू० एवं 2 से 5 हे० क्षेत्रफल के लिए 5000 रू० एवं 5 हे० से अधिक क्षेत्रफल के लिए 15000 रु० की धनराशि वसूली जायेगी।
अतः कृषक भाईयों से अनुरोध है कि धान के अपशिष्ट / पराली अपने खेतों पर कदापि न जलाये अन्यथा उपरोक्तानुसार अर्थ दण्ड के भागी होगे साथ ही कृषि विभाग से मिलने वाले अनुदानों से भी वचित रहना पड़ सकता है। प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फॉर इन सीटू मैनेजेमेन्ट ऑफ काप रेजीड्यू योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय एक दिवसीय कृषक जागरूकता गोष्ठी/मेला अपर जिलाधिकारी (वि०रा०) सोनभद्र, उप कृषि निदेशक सोनभद्र, जिला कृषि अधिकारी सोनभद्र जिला उद्यान निरीक्षक सोनभद्र, भूमि संरक्षण अधिकारी रावर्ट्सगंज / बोपन, डा० अविनाश राम, डा० लालबहादुर गौड, दा० रश्मी, डा० एम०पी०सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र सोनभद्र, डा० टी०डी० मिश्रा, डा० शिशिर श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक सुआट्स नैनी, प्रयागराज एवं कृषि विभाग के कर्मचारी एवं जनपद से आये सम्मानित कृषक गण उपस्थित रहे। कृषकों के मध्य तिलहनी फसलों के मिनीकिट वितरण कर गोष्ठी/मेले का समापन किया गया

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