सावित्रीबाई फुले जयंती पर उनके समाज सुधार के योगदान को याद किया

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संवाददाता लकी केशरी

नौगढ़ (चंदौली)। तहसील के अमदहां गांव में डॉ भीमराव अंबेडकर पार्क में शिक्षा की देवी माता सावित्रीबाई फुले जयंती मनाया गया। इस अवसर पर दर्जनों लोग उपस्थित रहे और माता सावित्रीबाई फुले के कार्यों और विचारों पर प्रकाश डाला गया। लोगों को बताया गया कि प्रथम शिक्षा की देवी ने समाज के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया है। यह जयंती समारोह डॉ भीमराव अंबेडकर पार्क में आयोजित किया गया था, जो कि एक महत्वपूर्ण स्थल है जहां लोग एकत्रित होकर समाजिक और शैक्षिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। माता सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाने का उद्देश्य लोगों को उनके योगदान और संघर्ष के बारे में जागरूक करना है

माता सावित्रीबाई फुले एक महाराष्ट्रीयन कवयित्री, शिक्षिका और समाज सुधारक थीं। उन्होंने और उनके पति ज्योतिराव फुले ने महाराष्ट्र और भारत में महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारत में नारीवादी आंदोलन की स्थापना करने का श्रेय दिया जाता है। सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं, दलित, आदिवासी और पिछड़े हुए लोगों की शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया और विधवा विवाह, छुआछूत और जाति-विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय रहीं। उन्होंने पुणे में भिडे वाडा के पास 1848 में पहले आधुनिक भारतीय लड़कियों के स्कूलों में से एक की स्थापना की।

आजाद समाज पार्टी के जिला सचिव श्याम सुंदर, विधानसभा सचिव अश्वनी कुमार, दूधनाथ, सुनील, दिलीप, अरविंद, विकास, बिंदु इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

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