



वीरेंद्र कुमार
विंढमगंज (सोनभद्र) । भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के डॉ. भारद्वाज की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत केवाल में आयोजित “कृषक–वैज्ञानिक संवाद” कार्यक्रम ने स्थानीय किसानों को कृषि के नए आयामों से परिचित कराया। किसानों ने अपनी परेशानियाँ साझा कीं, जिनके समाधान के लिए उन्होंने सब्जी एवं मसालों की खेती को लेकर उत्साह दिखाया और इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अजय कुमार यादव, तकनीकी अधिकारी, ने किसानों को उन्नत किस्म के बीजों के बारे में बताया, जिससे फसल उपज और गुणवत्ता दोनों में सुधार संभव है। वहीं, केवीके के वैज्ञानिक डॉ. अविनाश राय ने मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए हरी खाद और गोबर खाद के उपयोग की महत्ता की ओर किसानों का ध्यान आकर्षित किया। इस दृष्टिकोण से मिट्टी की उर्वरता में स्थायी सुधार की संभावना पाई जा सकती है।

इसके अलावा, डॉ. बी. पी. यादव ने खरीफ सीज़न में धान की डीएसआर (डायरेक्ट सीडिंग राइस) विधि से बुवाई तथा मक्का की खेती व प्रबंधन के उन्नत तरीकों की जानकारी दी। इन नवाचारों से खेतों में परंपरागत बुवाई की तुलना में समय, श्रम और लागत की बचत संभव हो सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान दिनेश कुमार यादव ने की, जबकि कृषि विभाग के चन्द्रशेखर, विनय कुमार मिश्र, कलदीप सिंह पटेल और पीएमएफबीवाई प्रतिनिधि जयदेव सिंह भी उपस्थित रहे। आज के इस संवाद ने किसानों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भरा है, जो अब मसाला और सब्जी की खेती की ओर अग्रसर हैं। इससे क्षेत्रीय कृषि समृद्धि की प्रेरक संभावना नजर आने लगी है।