सीएम के स्विटजरलैंड में कमीशनखोरी के शिकार हो रहे आदिवासी, नही खुद पायी पीएम आवास की नींव

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

कोन विकास खण्ड के ग्राम पंचायत ससनई का मामला

ग्राम पंचायत रोजगार सेवक व ग्राम पंचायत सदस्य ने लिया पीएम आवास का कमीशन

शपथ पत्र के साथ किया शिकायत

सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जनपद में प्रधानमंत्री की सोच हर घर पक्का होगा कि सोच पर अधिकारी और कर्मचारी आदिवासियों को गुमराह कर पानी फेर रहे है, यह आलम तब है जब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 जनवरी को जनपद दौरे के दौरान सोनभद्र स्विटजरलैंड कहा था और ऊर्जा राजधानी कहते हुए विकास की गति को आगे बढ़ाने के साथ ही महाकुम्भ में मंत्री मण्डल की बैठक के दौरान सोनभद्र को भी औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ने की बात कही थी।

मुख्यमंत्री के स्विटजरलैंड में आदिवासियों के प्रधानमंत्री आवास की छत कमीशनखोरी के कारण नही पड़ पा रही है और इसके शिकार आदिवासियों को न्याय पाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर माथा टेकना पड़ रहा है। बताते चले कि यह जनपद आदिवासी बाहुल्य होने के कारण गरीब व अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते है जो कम पढ़े लिखे है,जिनको स्थानीय स्तर के कर्मचारी व अधिकारी कमीशनखोरी के नाम पर लूटते है। जिसका परिणाम है कि अनुसूचित जनजाति के लोगो को आवंटित प्रधानमंत्री आवास की कही नींव नही खोदी गयी तो कही आवास की छत नही पड़ रही है तो कही आधी दीवार ही खड़ी रह गयी है।

आज जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए कोन विकास खण्ड के ससनई ग्राम पंचायत के आदिवासियों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास बनाने के लिए कुल 1 लाख 30 हजार रुपये उनके खाते में मिले लेकिन ग्राम रोजगार सेवक लाल प्रसाद और ग्राम पंचायत सदस्य विनय कुशवाहा ने बहला पुसला कर कमीशनखोरी कर लिया है। इसकी शिकायत विकास खण्ड अधिकारी से किया गया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हुई जबकि हम अशिक्षित आदिवासियों से आवास का पैसा कमीशनखोरी करने वाले रोजगार सेवक और वार्ड सदस्य धमकी देते है की पैसा नही देंगे।

पीड़ित युवक रामेश्वर ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उसे 01 लाख 30 हजार रुपये उसके खाता इंडियन बैंक की शाखा मारकुंडी में आया था लेकिन लाल प्रसाद और विनय कुशवाहा ने 74 हजार रुपये निकलवा कर ले लिया और मांगने पर धमकी दिया जा रहा है।

ग्राम पंचायत में कुल 125 प्रधानमंत्री आवास आदिवासियों को मिला जिसमे सभी लोगो ने ग्राम पंचायत रोजगार सेवक और ग्राम पंचायत सदस्य के द्वारा 5 हजार से लेकर दस हजार रुपये कमीशनखोरी के नाम पर लिया गया और सबसे अधिक मुझसे 74 हजार रुपये लिया गया है।

इस मौके पर सुखवंती, बाबूलाल , कमलावती और पंखु सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

Leave a Comment

706
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?