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छठ पूजा का महत्त्व

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न्यूज़ Express भारत (newsexpressbharat.in) परिवार रवि पाण्डेय, अमित मिश्रा, मुकेश पाल शक्ति, वीरेंद्र कुमार, बद्री प्रसाद गौतम, की तरफ से बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें!

भगवान भास्कर हम सभी के दुख, कष्ट और निराशा के अंधकार का समूल नाश करें ! आप सभी को छठ के महापर्व की अशेष शुभकामनाएं 🙏💐

छठ पूजा: खरना का महत्व और इसके पीछे की कहानी

छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए समर्पित है। छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता है, जो नहाय खाय की रस्म के बाद आता है।

खरना का महत्व:

खरना का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इससे मन, आत्मा और शरीर शुद्ध होता है और भक्तों को सूर्य की ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ने में मदद मिलती है। इस दिन, भक्त बिना पानी के एक दिन का उपवास रखते हैं, जिसे निर्जला व्रत के रूप में जाना जाता है। शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद उपवास तोड़ा जाता है।

खरना की रस्में:

खरना के दिन, भक्त अत्यंत भक्ति भाव से प्रसाद तैयार करते हैं। इसमें आमतौर पर चावल की खीर (गुड़ से बनी), चपाती और फल होते हैं। इसे आम की लकड़ी और घी का उपयोग करके मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है। प्रसाद को सबसे पहले देवताओं को चढ़ाया जाता है और फिर परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के साथ साझा किया जाता है।

छठ पूजा का महत्व:

छठ पूजा सामूहिक पूजा में एक साथ लाती है और सामुदायिकता और भक्ति की गहरी भावना को बढ़ावा देती है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए समर्पित है और लोगों को स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगने का अवसर प्रदान करता है।

छठ पूजा के दौरान लोग अपने घरों को साफ-सुथरा रखते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तालाब, नदी या समुद्र के किनारे जाते हैं। यह त्योहार लोगों को अपने परिवार और समाज के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है और सामाजिक समर्थन और एकता को बढ़ावा देता है।

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