



अमित मिश्रा
O- गोरखपुर की घटना ने तोड़ी चुप्पी की चादर : राघवेंद्र नारायण
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ ऐसा क्रूर अभियान छेड़ा है कि यह राज्य अब उनके लिए नरक बन चुका है। गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और ब्राह्मणों की मज़बूत आवाज़ श्री विनय शंकर तिवारी की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया कि योगी सरकार ब्राह्मणों को उनकी जड़ों से उखाड़ फेंकने की खुली साजिश रच रही है। एन एस यू आई कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने इसे “ब्राह्मणों का व्यवस्थित नरसंहार” करार देते हुए कहा कि यह घटना योगी के गढ़ में ब्राह्मणों की दहशत और दर्द की सबसे बड़ी गवाही है।
राघवेंद्र नारायण ने तथ्यों के साथ भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार में 12,000 से अधिक पुलिस मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 222 अपराधी मारे गए। विभिन्न रिपोर्ट्स और संगठनों के अनुसार, इनमें से 20 से अधिक ब्राह्मण थे, जिनमें कानपुर का विकास दुबे, उनके सहयोगी, और अन्य शामिल हैं। एनसीआरबी के आँकड़ों के आधार पर, 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश में 18,000 से अधिक हत्याएँ हुईं, जिनमें अनुमानित 2,100 से अधिक ब्राह्मण पीड़ित थे। पिछले पाँच वर्षों में 1,400 से अधिक हत्याओं में 500 से ज्यादा ब्राह्मण मारे गए। संपत्ति कुर्की के 4,076 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों में 1,600 से ज्यादा ब्राह्मण प्रभावित हुए, जो कुल का 40% से अधिक है। इसके अलावा, 2019 से अब तक 3,500 से अधिक ब्राह्मणों को विभिन्न आपराधिक मामलों में फँसाया गया, जिनमें से 60% से ज्यादा मामले राजनीति से प्रेरित माने जाते हैं। यह आँकड़े साफ चीखते हैं कि योगी सरकार ब्राह्मणों को खत्म करने का खूनी खेल खेल रही है।”उन्होंने गुस्से और दुख के साथ कहा, “ब्राह्मणों का खून सड़कों पर बह रहा है, उनके जनेऊ को गोलियों से छलनी किया जा रहा है, उनकी जमीनें बुलडोज़र से रौंदी जा रही हैं, और सूबे की सरकार इस अत्याचार पर सत्ता का तांडव कर रही है। मुख्यमंत्री कहते हैं ‘बंटेंगे तो कटेंगे’, लेकिन सच यह है कि ब्राह्मणों को बाँटकर उनकी क़मर तोड़ी जा रही हैं। कोई ब्राह्मण नेता कुर्सी पर बैठता है, तो वह कुर्सी बचाने के चक्कर मुँह पर ताला लगा लेता है। गोरखपुर में श्री विनय शंकर तिवारी को जंजीरों में जकड़कर योगी ने यह ऐलान कर दिया कि ब्राह्मणों की आवाज़ को अब उनके अपने घर में भी कुचल दिया जाएगा।
“राघवेंद्र नारायण ने केंद्र और प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “2017 में ब्राह्मणों ने 82% से अधिक वोट बीजेपी को दिए, लेकिन बदले में उन्हें लाठियाँ, जेल की सलाखें, और मौत का मंज़र मिला। बीजेपी ने ब्राह्मणों को वोट की भट्टी में झोंक दिया और सत्ता में आने के बाद उनके माथे पर कफन बाँध दिया। 12% ब्राह्मण आबादी को कुचलकर सरकार उनकी साँसें छीन रही हैं। पिछले चार वर्षों में ब्राह्मण विधायकों की संख्या 17% से घटकर 9% रह गई, और ब्राह्मण अधिकारियों को नौकरशाही में हाशिए पर धकेल दिया गया । यह ब्राह्मणों का अपमान नहीं, उनकी पहचान का खात्मा है।”कांग्रेस नेता ने ब्राह्मण समुदाय को याद दिलाते हुए कहा, “यह वक्त डरने का नहीं, डटने का है। आपके घरों में आग लगाई जा रही है, आपके बच्चों का भविष्य जलाया जा रहा है, और आपका सम्मान मिट्टी में मिलाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी आपके खून की हर बूँद के लिए सड़कों पर संघर्ष करेगी । हम गोरखपुर की घटना के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे । ब्राह्मण-विरोधी साजिश के खिलाफ उन्होंने केंद्र सरकार को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “यदि यह खूनखराबा नहीं रुका, तो ब्राह्मण समाज अपनी ताकत का ऐसा तूफान खड़ा करेगा कि 2027 का चुनाव बीजेपी का काल बन जाएगा। माननीय योगी को जवाब देना होगा कि वह ब्राह्मणों की कब्रें क्यों खोद रहे हैं। यह सिर्फ एक समुदाय की लड़ाई नहीं, लोकतंत्र की आखिरी साँस बचाने की जंग है, और हम इसे हर हाल में जीतेंगे ।