अमित मिश्रा
शिक्षक दिवस पर छात्रों ने नित्य कर मोहा मन
शिक्षको का हुआ सम्मान समारोह
सोनभद्र। शिक्षक दिवस पर निजी महाविद्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक कुसमाकर श्रीवास्तव रहे तथा कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य अतिथि तथा महाविद्यालय की प्राचार्या मुख्य अतिथि तथा डा०वी० सिंह द्वारा भारत के दूसरे राष्ट्रपति डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्या एवं मुख्य ट्रस्टी अजय सिंह द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया तत्पश्चात् छात्राओं द्वारा डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
वही मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व पर बोलते हुए कहा कि भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति व द्वितीय राष्ट्रपति रहे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद , महान दार्शनिक और आस्थावान हिन्दू विचारक थे। इन्ही गुणो के कारण सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हे सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया।
कार्यक्रम के अंत मे महाविद्यालय की प्राचार्या ने कहा कि छात्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक आदर्श शिक्षक का मार्गदर्शन आवश्यक है। शिक्षक जीवन में ज्ञान के सहारे कैसे आगे बढ़ना है और किस मार्ग पर चलना है यह सिखाते है बिना ज्ञान मनुष्य दिशा हीन रहता है, वह आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक है।
शिक्षको के प्रेरणा श्रोत डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बताये हुए मार्ग का अनुसरण करके ही एक योग्य शिक्षक व दूर दृष्टा बना जा सकता है शिक्षक हमारे जीवन के स्तम्भ होते है वह अपना समय दे कर छात्र व छात्राओं के जीवन को संवारते है और आगे बढ़ाते है। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते है बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते है। शिक्षक ही हमारी प्रेरणा के श्रोत है जो हमे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है। प्राचार्या ने आये हुए मुख्य अतिथि व समस्त प्रवक्ताओं का आभार व धन्यवाद प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के मुख्य ट्रस्टी डॉ० अजय कुमार सिंह, सभी शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मी उपस्थित रहे।