अमित मिश्रा
छापेमारी में दो दुकानों का लाइसेंस निलंबित, 02 को नोटिस,180नमूने ग्रहीत किया गया
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जिला कृषि विभाग द्वारा शासन की प्राथमिकताओं में सम्मिलित कृषकों को बीज एवं उर्वरक उचित दर पर उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से आज जिला कृषि अधिकारी द्वारा औचक छापेमारी की गई। इस छापेमारी पर जिला कृषि अधिकारी डॉ हरि कृष्ण मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर जनपद में उर्वरक निरीक्षकों एवं अन्य विभाग के अधिकारियों की तहसीलवार संयुक्त टीम का गठन कर खाद एवं बीज की दुकानों पर औचक छापेमारी की गई।
जिला कृषि अधिकारी डा0हरि कृष्ण मिश्रा एवं आरके श्रीवास्तव , सहायक निदेशक मत्स्य द्वारा तहसील घोरावल में शाहगंज, घोरावल कस्बे में उर्वरक एवं बीज के प्रतिष्ठानों की जांच की गई, उर्वरक एवं बीज का क्रय कर ले कृषि निवेश ले जा रहे कृषकों से फीडबैक एवं दुकानों की जांच कर कार्यवाही की गई।
शाहगंज में मराची रोड पर डीएपी की बोरी अपनी साइकिल पर ले जा रहे कृषक लालजी पुत्र तपेशी निवासी ग्राम बालडीह तहसील घोरावल द्वारा बताया गया कि उन्होंने 1500 रु में डीएपी परमेश्वर बीज एवं खाद भंडार से क्रय किया है। उक्त दुकान के निरीक्षण के समय डीएपी का स्टॉक पाया गया,रेट सूची न मिलने,अभिलेखों को न अपडेट करने जैसी अनियमितताओं के कारण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
ग्राम खरुआओं में आदर्श बीज एवं खाद भंडार ,प्रो0 गोपाल यादव के प्रतिष्ठान को कृषक बाबूलाल एवं सोना ग्राम धरमौली तहसील घोरावल को बीज अधिक मूल्य पर बेचने, स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर न दिखाने के कारण निलंबित किया गया। दुकान बंद कर भागने के कारण मां विंध्यवासिनी इंटरप्राइजेज,प्रो0 कृष्ण कुमार पाण्डेय एवं में0जनता खाद एवं बीज भंडार को नोटिस जारी किया गया।छापेमारी की कार्यवाही से जनपद में हड़कंप मचा रहा।
बीजों की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत होने पर कुल 18 नमूने ग्रहीत कर गुण नियंत्रण प्रयोगशाला जांच हेतु प्रेषित किया गया।
कृषकों से अपील की गई कि गुणवत्ता पूर्ण बीज ही कैश मेमो के साथ क्रय करें।सभी दलहनी एवं तिलहनी फसलों में एनपीके, एनपीएस , एसएसपी या अन्य सल्फर मिश्रित उर्वरक प्रयोग करें।
जिला कृषि अधिकारी डॉ हरि कृष्ण मिश्रा ने कहा कि समस्त बीज एवं खाद विक्रेताओं को चेतावनी दी गई कि कृषकों को उचित रेट पर कृषि निवेशों का वितरण करें एवं कृषकों का शोषण किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई भी कृषकों का शोषण करता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985के अंतर्गत एफआईआर की कार्यवाही की जाएगी।
जनपद में जिलाधिकारी द्वारा पुलिस,राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के सचल दल गठित कर सघन निगरानी की जा रही है।