संविदा मजदूरों, सफाईकर्मियों और गरीबों के पुनर्वास की मांग को लेकर प्रदर्शन

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अमित मिश्रा

सोनभद्र। ओबरा तापीय परियोजना परिक्षेत्र में वर्षों से निवास कर रहे संविदा मजदूरों, सफाईकर्मियों और गरीबों को स्थायी रूप से बसाने की मांग को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर सरकार से उनके पुनर्वास की मांग की।

परियोजना विस्तार के कारण बेघर होने का डर
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ओबरा तापीय परियोजना के विस्तार को देखते हुए प्रशासन ने पात्र परिवारों को स्थायी रूप से बसाने का निर्णय लिया था। ओबरा तहसील प्रशासन द्वारा इस संबंध में भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई थी, ताकि पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना या अन्य सरकारी योजनाओं के तहत स्थायी आवास उपलब्ध कराया जा सके।

हालांकि, हाल ही में परियोजना क्षेत्र के आवासों को ध्वस्त करने की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जिससे स्थानीय निवासियों में बेघर होने का भय बढ़ गया है। पीड़ितों का कहना है कि वे पिछले 35-40 वर्षों से इस क्षेत्र में रहकर परियोजना से जुड़े कार्य कर रहे हैं और अब अचानक उन्हें हटाए जाने से उनके सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

स्थायी समाधान की मांग
धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जिला प्रशासन से अपील की कि उनकी इस विकट समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। उन्होंने मांग की कि उन्हें चिन्हित भूमि पर आवास योजनाओं के तहत बसाया जाए, ताकि भविष्य में उन्हें इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। प्रशासन की ओर से इस मामले में क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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