निजीकरण और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का प्रदर्शन, डीएम को सौंपा ज्ञापन

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अमित मिश्रा

सोनभद्र । उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ, जनपद शाखा सोनभद्र के बैनर तले सोमवार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने जिला अध्यक्ष राजाराम दुबे के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

राजाराम दुबे ने कहा कि लगातार बढ़ते निजीकरण के कारण आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा बहू, शिक्षामित्र, रोजगार सेवक, पंचायत कर्मी, रसोईया और आंगनबाड़ी सहायिकाओं सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का जीवन कठिन होता जा रहा है। निजीकरण न केवल नौकरी की स्थायित्वता को खत्म कर रहा है, बल्कि कर्मचारियों के परिवार के भरण-पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश रावत और जिला मंत्री मनोज पांडे ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के मृतक आश्रितों को उनकी योग्यता के अनुसार समूह ‘ग’ में नियुक्ति दी जानी चाहिए। वहीं, जिला उपाध्यक्ष राकेश चौधरी और कोषाध्यक्ष बृजेश श्रीवास्तव ने सरकार से चतुर्थ श्रेणी की भर्ती पुनः खोले जाने और निजीकरण समाप्त करने की मांग की।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह सोमवंशी ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी और शिक्षकों के बुढ़ापे की सहारा है। जिस प्रकार सांसदों और विधायकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, उसी तरह सरकारी कर्मचारियों और अर्धसैनिक बलों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि 9 नवंबर 2025 को पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल के नेतृत्व में कर्मचारी व शिक्षक दिल्ली कूच करेंगे।

ज्ञापन कार्यक्रम में राजेंद्र शर्मा, संजय पुनवासी, संजय कुमार, प्रदीप संजय, रामलाल भारती, बनारसी गुप्ता, धर्मेंद्र यादव, विजय यादव, चंद्रबली, विजय, शांति देवी सहित लगभग 17 विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और निजीकरण के तहत कार्यरत कर्मी शामिल रहे। सभी ने अपने अधिकारों की रक्षा और सम्मानजनक सेवा शर्तों की बहाली के लिए संघर्ष समिति गठन का संकल्प भी लिया।

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