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दलितों-आदिवासियों के आर्थिक सशक्तिकरण पर हमला।

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संवाददाता लकी केशरी

नौगढ़ (चंदौली)। में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने दुर्गा मंदिर सभा स्थल पर बैठक की। जिसमें दलितों और आदिवासियों के आर्थिक सशक्तिकरण पर चर्चा हुई। बैठक में कहा गया कि मोदी सरकार एससी-एसटी सब प्लान में कटौती कर रही है और इस धन को कॉर्पोरेट घरानों को दे रही है। सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त के एससी-एसटी के उप वर्गीकरण के फैसले के बाद आज पूरे देश में दलितों और आदिवासियों को विभाजित करने की राजनीति हो रही है, इसे हर हाल में रोकना होगा। इसे रोकने के लिए 8 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें नौगढ़ से भी प्रतिनिधि भाग लेंगे।

बैठक में मुख्य वक्ता दिनकर कपूर ने कहा कि जमीन का सवाल लोगों की आजीविका से जुड़ा हुआ है और सरकार को गरीबों को जमीन का पट्टा देना चाहिए ताकि वे अपने परिवार की जीविका चला सकें। उन्होंने यह भी कहा कि नौगढ़ में रोजगार के अभाव में बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है, जिसे रोकने के लिए कृषि आधारित उद्योगों पर जोर देना चाहिए।

बैठक में एआईपीएफ के राज्य कमेटी सदस्य अजय राय, मजदूर किसान मंच के जिला संयोजक रामेश्वर प्रसाद, एआईपीएफ के तहसील प्रभारी रहमुद्दीन, पूर्व प्रधान नंदू राम, राम बली गोंड, विद्यावती गोंड, नंदू, राम बचन, राम नारायण, शम्भू, चैतु प्रसाद, मोहन राम आदि लोगों ने विचार रखे. इसी मुद्दे पर 8 दिसंबर को दिल्ली में एआईपीएफ द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें नौगढ़ से भी प्रतिनिधि भाग लेंगे।

मुख्य मुद्दे:

  • दलितों और आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण: सरकार को उनकी आजीविका के लिए जमीन का पट्टा देना चाहिए।
  • रोजगार की कमी: कृषि आधारित उद्योग और सहकारी समिति के जरिए फलदार वृक्षों पर जोर देना चाहिए।
  • मनरेगा में सुधार: ₹600 मजदूरी और साल भर काम की गारंटी देनी चाहिए.

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