



अमित मिश्रा
सोनभद्र। राष्ट्रीय संचेतना समिति सोनभद्र के तत्वावधान में कचहरी बार सभागार में शनिवार को शाम देश के जाने माने साहित्यकार डाक्टर रवीन्द्र श्रीवास्तव जुगानी भाई गोरखपुर जो भोजपुरी के ध्वज वाहक रचनाकार थे और लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकों के रचयिता थे उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वरिष्ठ साहित्यकार अजयशेखर निदेशक मधुरिमा साहित्य गोष्ठी सोनभद्र की अध्यक्षता में संपन्न शोक सभा में दो मिनट मौन रहकर आत्मा के शांति की कामना हेतु ईश्वर से प्रार्थना की गई। वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पंथी ने उनके स्मृतियों को सांझा करते हुए भाव विभोर होकर कहा कि जुगानी भाई हम लोगों के पथ प्रदर्शक थे और लोकभाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए जीवन भर संघर्ष रत रहे। उल्लेखनीय है कि चौदह फरवरी शुक्रवार को गोरखपुर में तिरासी वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी से निधन हो गया था।वे आकाश वाणी गोरखपुर के कार्यक्रम अधिशासी के रूप में सेवानिवृत्त रहे।लोकभाषा के लिए उल्लेख नीर योगदान देने वाले तीन मनीषियों इलाहाबाद से कैलाश गौतम वाराणसी से हरी राम द्विवेदी हरी भैया एवं गोरखपुर से जुगानी भाई का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित है।इस अवसर पर सोनभद्र के साहित्य कार गण रामनाथ शिवेंद्र प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट धर्मेश चौहान एडवोकेट दिलीप सिंह दीपक अशोक तिवारी एडवोकेट जयराम सोनी दयानंद दयालू प्रभात सिंह चंदेल कौशल्या कुमारी चौहान कवयित्री अनुपमा वाणी कवयित्री ईश्वर विरागी अब्दुल हई मदन चौबे अजय चतुर्वेदी काका बृजमोहन त्रिपाठी एडवोकेट दिवाकर द्विवेदी मेघ आदि रहे।बार एसोसिएशन सोनभद्र के अध्यक्ष अरुण मिश्रा नरेंद्र पाठक एडवोकेट अखिलेश कुमार मिश्र महामंत्री चंद्र लेखा सिंह ने भी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित किया। संयोजन संचालन वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पंथी ने किया।