



न्यूज़ डेस्क
लखनऊ (उत्तरप्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रसड़ा विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक उमाशंकर सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में विजिलेंस (सतर्कता) विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
बसपा विधायक उमाशंकर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की है। विजिलेंस विभाग को शक है कि विधायक और उनके परिवार के नाम पर कई आलीशान मकान, फ्लैट, व्यवसायिक परिसरों और कृषि भूमि सहित कई संपत्तियां दर्ज हैं।

सतर्कता विभाग ने इस मामले में विधायक उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटे युकेश और बेटी यामिनी के नाम से खरीदी गई सभी संपत्तियों का ब्योरा तलब किया है। विभाग ने महानिरीक्षक प्रयागराज को पत्र लिखकर इन संपत्तियों की पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
सतर्कता विभाग ने कसी कमर
विजिलेंस विभाग ने सभी उप निबंधन कार्यालयों को निर्देश दिया है कि उमाशंकर सिंह और उनके परिवार के नाम पर पंजीकृत सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही जांच अधिकारी का नाम, पद और मोबाइल नंबर भी साझा करने को कहा गया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।
सूत्रों के अनुसार, बनारस समेत कई जिलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में भी जांच शुरू कर दी गई है। स्थानीय स्तर पर भी विजिलेंस टीम सक्रिय हो गई है और संपत्तियों के कागजात खंगालने में जुटी है।
राजनीतिक गलियारों में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। जहां विपक्ष ने इस मामले को लेकर बसपा विधायक पर तीखे हमले किए हैं, वहीं बसपा समर्थक इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं।
भाजपा के स्थानीय नेताओं ने कहा कि उमाशंकर सिंह ने जनता के पैसे का दुरुपयोग कर संपत्ति बनाई है और अब कानून अपना काम करेगा। वहीं, बसपा नेताओं का कहना है कि उमाशंकर सिंह को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
कानूनी पेंच में उलझे विधायक
विधायक उमाशंकर सिंह पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे आय से अधिक संपत्ति का है। अगर विजिलेंस जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
क्या होगा आगे?
विजिलेंस विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी। विभाग का कहना है कि संपत्तियों के दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की जाएगी और जरूरत पड़ने पर परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जा सकती है।
विधायक का अब तक कोई बयान नहीं
इस पूरे मामले पर विधायक उमाशंकर सिंह की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उनके समर्थक जरूर इस जांच को राजनीतिक प्रतिशोध का नाम दे रहे हैं।
जनता के मन में उठे सवाल
विधायक के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। लोग हैरान हैं कि आखिरकार इतनी संपत्ति कहां से आई? क्या सच में विधायक ने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है या फिर यह सब राजनीति का खेल है?
विशेषज्ञों का नजरिया
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जांच में विधायक की संपत्तियां आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक पाई जाती हैं, तो संपत्ति जब्त की जा सकती है। इसके अलावा, आयकर विभाग भी मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।
आगे की राह चुनौतीपूर्ण
अब देखना यह होगा कि विजिलेंस जांच में क्या सामने आता है और विधायक उमाशंकर सिंह इस पर क्या सफाई देते हैं। फिलहाल, उनके राजनीतिक करियर पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो गया है।