यज्ञ के धूम्र और ऊर्जात्मक प्रभाव से पर्यावरण शुद्ध होता है: आचार्य जनेश्वर

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

नवीन कुमार

देवी मण्डपम में सद्विप्र समाज का भव्य हवन पूजन एवं सत्संग आयोजन

कोन(सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)। सुद्विप्र समाज द्वारा देवी मंदिर, खेतकटवा के पावन प्रांगण में एक दिवसीय विशाल हवन-पूजन एवं सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में समाज के अनेक वरिष्ठ विद्वान, आचार्य, गुरुजन और श्रद्धालु बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार और देवी मां के जयघोष के साथ हुआ। इसके पश्चात् आचार्य जनेश्वर ने हवन-यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यज्ञ न केवल हमारे आध्यात्मिक जीवन को पवित्र करता है, बल्कि इसके धूम्र और ऊर्जात्मक प्रभाव से पर्यावरण शुद्ध होता है तथा भौतिक जीवन में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। उन्होंने साधना के द्वारा मिलने वाले अनुभवों का भी विस्तार से वर्णन किया।

सत्संग के दौरान समाज के प्रधान प्रतिनिधि उमेश जी ने जीवन में गुरु के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि गुरु ही वह ज्योति हैं, जो शिष्य के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर जीवन को नई दिशा देते हैं। उन्होंने गुरुतत्व को मानवीय जीवन की सबसे बड़ी संपदा बताया।

गोपाल गुरुजी ने उपस्थित लोगों को योग और ध्यान को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति का भी साधन है।

वही राजेश और विजय पथिक जी ने गुरुदीक्षा के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब शिष्य गुरु से दीक्षा ग्रहण करता है, तभी उसका जीवन वास्तविक रूप से आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होता है। पूरे कार्यक्रम में भक्ति, भजन और आध्यात्मिक प्रवचनों की गूंज रही। श्रद्धालुजन पूरे भाव से हवन में आहुति देते रहे और वातावरण “स्वाहा” तथा “जय माता दी” के उद्घोष से गूंजता रहा।

इस अवसर पर अशोक निराला समेत सैकड़ो श्रद्धालुओं ने हवन एवं सत्संग का लाभ उठाया और समाज में अध्यात्म, संस्कार तथा एकता का संदेश प्रसारित किया।

Leave a Comment

1134
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?