भक्ति आंदोलन के अग्रदूत थे संत रविदास : अजीत रावत

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संत रविदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई

सोनभद्र। संत रविदास जयंती के अवसर पर बुधवार को रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित दलित बस्ती में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व सदर ब्लॉक प्रमुख एवं अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अजीत रावत तथा जिला महामंत्री व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण मुरारी गुप्ता ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।

संत रविदास: समानता और एकता के प्रतीक

इस मौके पर सदर ब्लॉक प्रमुख अजीत रावत ने कहा कि संत रविदास भारतीय समाज में समानता, एकता और भक्ति आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। उनका जीवन मानवता की सेवा और समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने के लिए समर्पित था। उन्होंने बताया कि संत रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर गांव में हुआ था। वे न केवल एक महान संत थे, बल्कि एक समाज सुधारक, कवि और भक्त भी थे। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि संत रविदास ने अपने दोहों और भजनों के माध्यम से जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई। उनके दोहों में भक्ति, समानता और प्रेम का संदेश झलकता है। उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर हम एक समरस समाज की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संत रविदास के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं और समाज में समरसता बनाए रखें।

संत रविदास के दोहों से मिलती है प्रेरणा

इस अवसर पर भाजपा नगर अध्यक्ष विनय श्रीवास्तव ने कहा कि संत रविदास के दोहे समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य करते हैं। उनके विचारों में प्रेम, समानता और भाईचारे की भावना है। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज में बदलाव लाने की शक्ति रखती हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे संत रविदास के दोहों का अध्ययन करें और उनके विचारों को अपने जीवन में उतारें।

उन्होंने कुछ प्रसिद्ध दोहे भी साझा किए, जिनमें शामिल हैं:

“मन चंगा तो कठौती में गंगा”
“जाति-पांति के पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई”

इन दोहों के माध्यम से संत रविदास ने स्पष्ट किया कि सच्ची भक्ति हृदय की पवित्रता में है, न कि बाहरी आडंबरों में।

श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से मनाई जयंती

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने संत रविदास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही उनके भजनों का गायन किया और उनके जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक बातें साझा कीं। कार्यक्रम के दौरान सभी ने संत रविदास के विचारों को आत्मसात करने और समाज में समानता व एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में आलोक रावत, रवि कनौजिया, कन्हैया भारतीय, सरोज भारती, मीणा भारती, संगीता पासवान, अनीता कनौजिया, जयचंद प्रसाद, रमेश भारती, संजय कुमार, अजय रावत, सुनील कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

समारोह का समापन संत रविदास के भजन गाकर किया गया। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और संत रविदास के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

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