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सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी कार्यालय पर  धरना प्रदर्शन किया।

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अमित मिश्रा

0 प्रधान मंत्री एवं मुख्य मंत्री नामित ज्ञापत जिलाधिकारी प्रतिनिधि को दिया

सोनभद्र। कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को सेवेन निर्मित कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी द्वारा इकदिवासी धरना प्रदर्शन देकर अपनी मांगों को लेकर किया बुलंद प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन डीएम प्रतिनिधि को देखकर की मांग।
सूरजबली सिंह अध्यक्ष जनपद-ने बताया कि
-राशिकरण की धनराशि की वसूली 10 वर्ष पर बन्द करने व अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस करने एवं 2-पेंशनर को अवधि के आधार पर पेंशन में बढ़ोत्तरी किये जाने के सम्बन्ध में-
सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 11 नवम्बर 2024 को आप महानुभावों को पत्र भेजा गया है, जिसमें पेंशनरों से सम्बन्धित प्रमुख रूप से उक्त ज्वलंत समस्याओं के निवारण का अनुरोध किया गया है। उल्ले- -खनीय है कि इन दोनों बिन्दुओ पर पूर्व में भी संगठन द्वारा समय पर आन्दोलनात्मक कार्यवाही के माध्यम से ध्यानाकर्षण का प्रयास किया जा चुका है। साथ ही उच्च स्तर पर वार्ता एवं पत्रों के माध्यम से भी अनुरोध किया गया कि इन समस्याओं का हल शीघ्र निकाला जाये, परन्तु अभी तक कोई निर्णय नही हो सका है। आज की आम सभा के माध्यम से पुनः उक्त बिन्दुओं को निम्न रूप से ध्यानाकर्षण हेतु प्रस्तुत किया आ रहा है –
(1) राशिकरण की धनराशि की कटौती 10 वर्ष के पश्चात् बन्द करने व अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस जमा करना।
शासन के संज्ञान में है कि इस बिन्दु पर उच्च न्यायालय में अनेक याचिका दाखिल हो चुकी है और दिन प्रतिदिन नई याचिकायें भी दाखिल हो रही है। अनेक याचिकाओं में कटौती का भी आदेश हुआ है, जिसके क्रम में वित्त विभाग ने याचीगण की कटौती रोकी भी है। किन्तु सामान्य शासनादेश जारी कर इस प्रकरण का पटाक्षेप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप अनेक पेंशनर उच्च न्यायालय में जा रहे हैं। जिससे हजारो रूपये की व्ययभार बढ़ रहा है। मुकदमों की सथया बढ़ रही है व बुजुर्ग पेंशनरों की आर्थिक एवं शारीरिक कठिनाई बढ़ रही है। जिसे शासन द्वारा सानी से बचाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि शासनादेश के अनुसार पेंशन के 100 रूपये के स्वीकृत होने पर पेंशनर को 98.32 रूपया मिलता है और इसके सापेक्ष 180.00 रूपया पेंशनर से काटा जाता है। इस प्रकार राशिकृत धनराशि की वसूली 08 वर्ष 3 माह में पूरी हो जाती है। तत्सम्बंधी शासनादेशो एवं नियमों में ब्याज वसूलने का कोई प्राविधान नही है। इस तरह यह सिद्ध है कि 10 वर्ष से अधिक कटौती करना पेंशनरों के साथ पूरी तर अन्याय है। संगठन का अनुरोध है कि 10 वर्ष के पश्चात पेंशन के राशिकरण की कटौती बन्द की जाये तथा अधिक वसूली नयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस जमा किया जाये।
(2) पेंशनर की 65, 70, 75 वर्ष आयु पर क्रमशः 5, 10, 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किया।
यह उल्लेख करना है कि वर्तमान में, 80, 85, 90, 95, 100 वर्ष की आयु होने पर पेंशनरो की पेंशन में कमशः 20, 30, 40, 50, 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्राविधान है। विशेष रूप में देखने की यह बात है कि पेंशनरों की अधिकतम संख्या 65 से 80 वर्ष के मध्य है और उनकी पेंशन में बढ़ोत्तरी का कोई प्राविधान नहीं किया गया हैं। प्रकरण के आकड़ों को खंगालने से भी स्पष्ट हुआ है कि 80 से अधिक आयु पर लाभान्वित होने वालों की संख्या अत्यन्त न्यून है 65, 70 एवं 75 वर्ष पर क्रमशः 5, 10, व 15 वर्ष पर पेंशन में बढ़ोत्तरी की मांग सर्वथा उचित है।
उपरोक्त मांगो पर लम्बे समय से निर्णय न होने के कारण पेंशनर्स में अत्यधिक असंतोष एवं रोष है। आज की आमसभा में पेंशनरो ने इस बात को बड़ी गंभीरता से उठाया है कि माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री प्रस्तुत ज्ञापन पर विशेष रूप से विचार करें और उपरोक्त दोनो बिन्दुओ पर सकारात्मक निर्णय कराने का कष्ट करें। बुजुर्गो को माननीय उच्च न्यायालय में जाने के लिए बाध्य न किया जाये। उन्हे अनावश्यक रूप से पहले से ही अपने स्वास्थ्य आदि पर भारी धनराशि व्यय करनी पड़ रही है। अतएव उपरोक्त पर सकारात्मक निर्णय शीघ्र कराने का कष्ट करें। इस दौरान अवधेश सिंह , नागेश्वर तिवारी फौजदार सिंह लव कुश सिंह रमाशंकर राधेश्याम सिंह राम जी शर्मा लक्ष्मण प्रसाद सूरज प्रसाद सहित आज लोग मौजूद रहे।

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