



अमित मिश्रा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कुल 47,573 करोड़ रुपये से अधिक की 15 परियोजनाओं का किया गया लोकार्पण व शिलान्यास
कानपुर मेट्रो के नए भूमिगत रूट, तापीय परियोजनाएं, रेलवे ब्रिज, अग्निशमन केंद्र और ट्रीटमेंट प्लांट से मिलेगा शहर को आधुनिक स्वरूप
प्रदेश के औद्योगिक और नगरीय विकास को मिली नई गति
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कानपुर में 47,573 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 15 मेगा विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया गया, जिसका सजीव प्रसारण गॉधी मैदान ओबरा तापीय परियोजना में सजीव प्रसारण के इस भव्य आयोजन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कानपुर शहर को विश्वस्तरीय सुविधाओं से जोड़ने की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी।
गॉधी मैदान ओबरा तापीय परियोजना में आयोजित प्रधानमंत्री के सजीव प्रसारण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मा0 राज्य मंत्री, समाज कल्याण विभाग श्री संजीव गोंड ने कहा कि देश के मा0 प्रधानमंत्री व मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के नेतृत्व में देश विकास पथ की ओर अग्रसर हो रहा है, आज ओबरा तापीय परियोजना सी0 6502 करोड़ रूपये की लागत से तैयार है, का शुभारंभ मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्चुवल माध्यम से किया गया, जिससे देश व प्रदेश के लोगों को विद्युत आपूर्ति और बेहतर ढंग से उपलब्ध होने के साथ ही उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे देश विकसित भारत की ओर अग्रसर हो रहा है, उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में 18 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20 घण्टे तथा मुख्यालय स्तर पर 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है। देश के मा0 प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में समाज के अंतिम पायदान पर खड़ें व्यक्तियों को मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक श्री आर0के0 अग्रवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन सिर्फ ओबरा या उत्तर प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमें गर्व है कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज इस परियोजना के 660 मेगावाट की प्रथम इकाई का वर्चुअल उद्द्घाटन करने जा रहे हैं। हम सभी इस समारोह को यहाँ ओबरा में सजीय प्रसारण के माध्यम से देख रहे हैं, आपके साथ, हमारी जनता के साथ।
सोनभद्र जिले में स्थित ओबरा-सी तापीय विद्युत परियोजना, यह राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना का विकास यू०पी० राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा किया गया है, और इसका म्च्ब् अनुबंध 22 दिसंबर 2016 को मेसर्स दूसान पावर सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को प्रदान किया गया था। यह परियोजना सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित है और 213,005 करोड़ की लागत से निर्मित की जा रही है। इस परियोजना की इकाइयों में मेसर्स जी०ई० द्वारा महत्वपूर्ण उपकरणों जैसे टरबाइन एवं ऑक्जीलरीज, ई०एस०पी०, स्विचयार्ड, ट्रान्सफॉर्मर इत्यादि की स्थापना का कार्य किया गया है।
परियोजना में स्टीम को ठण्डा करने हेतु क्लोज साइकिल सी०डब्लू यॉटर सिस्टम लगाया गया है, जिससे पानी की बचत होती है, मेसर्स पहाड़पुर कूलिंग टायर कम्पनी द्वारा कूलिंग टावर का निर्माण किया गया है। इकाइयों में उपयोग हेतु डी०एम० वॉटर के निर्माण के लिए नवीनतम तकनीकों पर आधारित डी०एम० प्लान्ट मेसर्स ऑयन एक्सचेंज द्वारा एवं कोल हैण्डलिंग प्लान्ट मेसर्स थायसन कूप द्वारा किया गया है। परियोजना की इकाइयों के ब्यायलर का निर्माण मेसर्स भवानी इरेक्टर प्रा० लि० द्वारा अत्यन्त सुरक्षित तरीके से किया गया है तथा ऐश हैण्डलिंग प्लान्ट का निर्माण मेसर्स इन्ड्योर कम्पनी के द्वारा किया गया है। परियोजना में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखते हुए जीरो लिक्विड डिस्वार्ज प्रणाली, पलू गैस डीसल्फराइजेशन एफ0जी0डी0 और सिलेक्टिव कैटालिटिक रिडक्शन सी0एस0आर0 तकनीकों को अपनाया गया है। ओबरा-सी परियोजना सिर्फ ईंट और सीमेंट से बनी एक संरचना नहीं है, बल्कि यह हमारे राज्य की ऊर्जा क्रांति का प्रतीक है। यू०पी० राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा विकसित यह परियोजना अत्याधुनिक तकनीक, पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक मजबूती का संगम है।
परियोजना के क्रियान्वयन में आयी समस्त बाधाओं यथा कोविड महामारी जिसने वर्ष 2020 और 2021 के दौरान निर्माण कार्यों को बुरी तरह प्रमावित किया, लॉकडाउन, श्रमिकों की कमी, सामग्री की आपूर्ति में बाधा, तथा विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों की अनुपलब्धता, बाँध की सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित तरीके से ब्लास्टिंग इत्यादि जैसे कारणों के बावजूद परियोजना को शून्य दुर्घटना के साथ पूर्ण कराया गया, जो गर्व का विषय है। इसके अतिरिक्त, ई0पी0सी0 कॉन्ट्रैक्टर मेसर्स दूसान पावर सिस्टम्स की वित्तीय और तकनीकी कठिनाइयों ने भी समयसीमा को पीछे धकेला। कोयले की आपूर्ति से संबंधित लॉजिस्टिक्स और रेलवे कनेक्टिविटी में भी कुछ समय के लिए अड़चनें आई।
इस परियोजना का निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ और इन सभी चुनौतियों के बीच परियोजना की इकाई सं० 01 का ब्यायलर हाइड्रो टेस्ट माह नव०, 2020 में, तदोपरान्त व्यायलर लाईट-अप माह अप्रैल 2022 में, ऑयल सिंकोनाइजेशन माह अप्रैल, 2023 तथा ग्रिड से समकालन दिनांक 25 अगस्त 2023 को किया गया। इसके बाद 26 दिसंबर 2023 को इस यूनिट ने अपनी पूर्ण 680 मेगावाट की क्षमता से विद्युत उत्पादन शुरू किया, और 09 फरवरी 2024 से इस यूनिट का व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ हो गया। इस यूनिट के परिचालित होने से उत्तर प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता में लगभग 10ः की वृद्धि हुई है। इस इकाई की उत्पादन लागत लगभग रू0 6602 करोड रही। यह यूनिट प्रतिदिन लगभग 158 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करती है, जिससे राज्य को पावर एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदने की आवश्यकता कम हुई है। यहां से उत्पादित बिजली की लागत लगभग 25 प्रति यूनिट है, जो आर्थिक रूप से लाभकारी है। इस परियोजना की इकाई सं० 2 का व्यवसायिक उत्पादन सी0ओ0डी0 अतिशीघ्र प्रारंभकर लिया जायेगा।
ओबरा-सी तापीय विद्युत परियोजना की यूनिट नंबर 1 (880 मेगावाट) का सफल कार्यान्वयन वर्तमान सरकार की सरकार की ऊर्जा नीति और निर्णायक प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रत्यक्ष परिणाम है। इस परियोजना को गंभीरता से गति 2017 के बाद मिली, जब उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार सत्ता में आई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने परियोजना को प्राथमिकता में शामिल करते हुए इसके लिए आवश्यक वित्तीय स्वीकृतियों और लॉजिस्टिक्स से जुडी समस्याओं का समाधान त्वरित गति से किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने भी इस परियोजना को राष्ट्रीय ऊर्जा नीति के अनुरूप ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दृष्टि से समर्थन दिया, विशेष रूप से कोयला आवंटन और रेलवे कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता देकर। कॉन्ट्रैक्ट की निगरानी और समय-सीमा निर्धारण में भी दोनों स्तरों पर सरकारों ने समन्वय कर परियोजना को पुनर्जीवित किया। कोविड-19 महामारी के दौरान जब देश भर की निर्माण परियोजनाएं ठप पड़ी थी, तब भी वर्तमान प्रदेश सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाते हुए श्रमिकों को सुरक्षित तरीके से साइट पर लौटाया और कार्य बहाल करवाया।
सजीव प्रसारण के दौरान संजीव गोंड राज्यमंत्री, बद्री नाथ सिंह जिलाधिकारी, सहदेव मिश्र अपर जिलाधिकारी, त्रिभुवन नाथ तिवारी अपर पुलिस अधीक्षक, नन्द लाल जिलाध्यक्ष भाजपा, अश्विनी कुमार त्रिपाठी निदेशक तकनीकी यूनिली, आर के अग्रवाल मुख्य महाप्रबंधक, एसएन मिश्र महाप्रबंधक (प्रशासन), वाई के गुप्ता महाप्रबंधक (कोयला संचालन), राज कुमार महाप्रबंधक, एस के सिंघल महाप्रबंधक, दिवाकर स्वरूप महाप्रबंधक, एके राय अधीक्षण अभियंता, मणि शंकर राय अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय), सदानंद यादव अधिशासी अभियंता (जानपद), विवेक सिंह उप जिलाधिकारी, हर्ष पांडेय क्षेत्राधिकारी, व भारी संख्या में जनमानसगण उपस्थित रहें।
इस मौके पर आयोजित सजीव प्रसारण के मंच संचालन संदीप मिश्रा तथा कार्यक्रम का संचालन अनुराग मिश्रा द्वारा किया गया।