नगवां एडीओ पंचायत गलत आख्या लगा कर कर रहे शिकायतों का निस्तारण

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नगवां एडीओ पंचायत द्वारा शिकायतों का लगाई जा रही गलत आख्या

0 शिकायतकर्ता ने पैसे लेकर झूठी आख्या लगाने का लगाया आरोप,

0 एडीओ पंचायत द्वारा जांच के समय शिकायतकर्ता से नही किया गया संपर्क,

सोनभद्र । विकास खंड नगवां शिकायतकर्ता ने एडीओ पंचायत पर पैसे लेकर झूठी आख्या लगाने का गंभीर आरोप लगाया है मामला ग्राम पंचायत सिकरवार का है अरुण कुमार पुत्र रामस्वारथ ने ग्राम पंचायत सिकरवार में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए समस्त विकास कार्यों की जांच हेतु तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था डीपीआरओ सोनभद्र द्वारा एडीओ पंचायत नगवा को जांच कर आख्या प्रेषित करने के लिए नामित किया था।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि एडीओ पंचायत द्वारा ब्लॉक परिसर में रहकर ही बिना स्थलीय निरीक्षण किए ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक के कहने पर गलत आख्या प्रेषित किया गया है शिकायतकर्ता का यह आरोप सही प्रतीत होने के कारण भी है एडीओ पंचायत ने आख्या में जिन दो स्थानीय गवाहों के नाम लिखे गए हैं पहला नाम विजयमल सिंह से जब शिकायतकर्ता ने बात की तो उनका कहना था कि मेरी बेटी की तबीयत खराब है हमसे किसी अधिकारी से कोई मुलाकात नहीं हुई है दूसरे गवाह राकेश से फोन पर बात की तो उसने भी किसी अधिकारी से संपर्क नही होने की बात कही जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग शिकायतकर्ता के पास है इस लिए शिकायतकर्ता का आरोप सही प्रतीत होता है।

शिकायतकर्ता अरुण कुमार ने बताया कि मैने प्रधानमंत्री आवास में अपात्रों को आवास वितरण, 2015 से लेकर अब तक ग्राम पंचायत में कितने शौचालय बने है कितने अधूरे है सूची में बने शौचालयों की जांच ये धरातल पर बने है या सिर्फ कागजों में है मनरेगा में फर्जी मस्टरोल की जांच आरोप है कि ऐसे लेबर और मिस्त्री जो कभी मनरेगा में काम किए ही नहीं और उनके नाम से पेमेंट हुआ है, आरोप है कि रोजगार सेवक द्वारा ग्राम प्रधान का फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे निकाले जाते है हस्ताक्षर का मिलान किया जाय, आरोप है कि किसी भी सरकारी विभाग में ग्राम प्रधान का मोबाइल नंबर एड नहीं है रोजगार सेवक का नंबर एड है ऐसा क्यों? आरोप है कि बैंक पेमेंट में रोजगार सेवक के मोबाइल पर ही OTP आता है चौदहवां पंद्रहवां वित्त में ग्राम प्रधान द्वारा कौन से कार्य किए गए है अगर किए गए है तो वो धरातल पर है या सिर्फ कागजों में है।आदि मुद्दों पर शिकायतकर्ता ने जांच की मांग की थी।
जहां एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचारियों पर जीरो टार्लेंस की नीति के तहत कार्य करने की दंभ भर्ती है वही अधिकारी जांच के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर सरकार को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी सोनभद्र से किसी सक्षम अधिकारी से जांच करवाने और एडीओ पंचायत नगवा के खिलाफ झूठी आख्या लगाने के आरोप में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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