वीरेंद्र कुमार
विण्ढमगज (सोनभद्र) । छठ पूजा के अवसर पर सुर्य मंदिर के सामने होने वाली महा आरती छठ पूजा का सबसे आकर्षक का केंद्र होता है। इसके लिए सुर्य मंदिर के सामने स्टेज बनाया गया है जिस पर बनारस से आरती करने के लिए विद्वान पंडितों का एक टीम आती है। आरती के समय काफी भीड़ होती है।
करीब 5000 से अधिक महिला-पुरुष श्रद्धालु इस आरती में भाग लेते हैं। सतत वाहिनी नदी के किनारे आरती के समय विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। ढोल -नगाड़े और घंटी के आवाज उसे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। दूर-दूर से लोग इस आरती में शामिल होने के लिए यहां आते हैं।
सन क्लब सोसायटी जो इस आरती का आयोजन करता है उनका दावा है कि छठ पूजा के अवसर पर ऐसी आरती पूरे जिले में कहीं नहीं होती है। विण्ढमगज छठ पुजा का इतिहास काफी पुराना है। 1902 में यहां पर पहली बार छठ हुआ था। उससे पहले यह इलाका घनघोर जंगल था। करीब 45 मिनट तक होने वाली इस महा आरती के लिए अभी से ही तैयारी शुरू हो गई है। आरती के लिए स्टेज बनाने का काम सन क्लब सोसायटी के अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता व संयोजक अजय कुमार गुप्ता ने एक टीम बनाई है, जो महा आरती की पूरी तैयारी कर रही है। जिस पर काशी से आए विद्वान पंडित आरती करेंगे।
छठ महापर्व के अवसर पर भिक्षाटन कर के छठ पर्व करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि भिक्षाटन करके छठ पर्व करने पर मनोकामनाएं पूरी होती है। इसलिए सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पुरुष विंढमगंज बाजार में छठ के लिए भिक्षा टन करते हुए दिख रहे हैं। आदिवासी लोग इस अवसर पर अपने परंपरागत बाजे के साथ भिक्षाटन करते हैं।
वहीं दूसरी ओर,आमजन भी श्रद्धालु महिला -पुरुष को भिक्षा देने के लिए बाकायदा अपने घर या दुकान के सामने छठ के पर्व की सामग्री लेकर बैठे रहते हैं। कोई फल तो कोई ईख, कोई पूजा सामग्री।लोगों का ऐसा श्रद्धा है कि भिक्षा देने से भी उनका लाभ होता है।