फिलिस्तीन के समर्थन में वाम दलों ने संयुक्त रूप से किया प्रदर्शन

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अमित मिश्रा

इजराइल द्वारा जारी जनसंहार के खिलाफ राष्ट्रीय एकजुटता दिखाते हुए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

सोनभद्र। फिलिस्तीन के समर्थन और भारत द्वारा इजराइल को हथियार देने के विरोध में भाकपा, माकपा और माले ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित पत्र एडीएम को सौंपा।


कम्युनिस्ट नेताओं ने कहा कि भारत के वामपंथी व जनवादी दल फिलिस्तीन और इजराइल के बीच जारी युद्ध और उसके दिनों-दिन होते जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और तत्काल इस जनसंहार पर रोक लगाने की मांग करते हैं। पश्चिम देशों का शासक वर्ग तेल खदानों और ऊर्जा के स्रोतों पर कब्जा करके मुनाफा कमाने के लिए पूरे पश्चिम एशिया को युद्ध में ढकेल रहा है। फिलिस्तीन से उठी लड़ाई लेबनान, यमन होते हुए ईरान के दरवाजे पर दस्तक दे रही है। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए यही संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों की मंशा है और विश्व जनमत भी यही चाहता है।

वामपंथी नेताओं ने कहा कि यह दुखद है कि केन्द्र में मोदी की अगुवाई में चल रही एनडीए सरकार अपनी गलत राजनीतिक रणनीति की समझ और कारपोरेट घरानों के मुनाफे के लिए अपनी जनता के हितों के विरूद्ध खड़ी होकर छुपकर और खुले तौर पर इजराइली सैन्यवाद और जनसंहार का समर्थन कर रही है। यह नोट किया जाना चाहिए कि अगर पश्चिम एशिया में युद्ध लम्बा खिंचेगा तो आम नागरिकों की जिदंगी महंगाई व बेकारी से और त्रस्त हो जायेगी।

इस अवसर भाकपा के जिला सचिव कामरेड आरके शर्मा, माकपा के जिला मंत्री कामरेड नन्द लाल आर्या, माले के बाबूलाल भारती, भाकपा के पूर्व जिला सचिव कामरेड रामरक्षा, कामरेड अमरनाथ सूर्य, बसावन गुप्ता, हनुमान प्रसाद, पुरषोत्तम, विरेन्द्र गोंड, सूरज बंसल , बाबूलाल चेरो, सुनील सोनी, गौरी शंकर व विरेन्द्र सिंह गोंड़ आदि मौजूद रहे।

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