अमित मिश्रा
सोनभद्र । रॉबर्ट्सगंज नगर के चित्रगुप्त मंदिर परिसर में गुरुवार की शाम अखिल भारतीय कायस्थ महासभा सोनभद्र द्वारा भगवान चित्रगुप्त जयंती का भव्य आयोजन किया गया। शाम 6 बजे आरंभ होकर देर रात 11 बजे तक चले इस आयोजन ने श्रद्धा, भक्ति और ज्ञान का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
मंदिर प्रांगण वैदिक मंत्रोच्चारण, आरती और भजन संध्या की मधुर लहरियों से गूंज उठा। कायस्थ समाज के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने एकजुट होकर कलम-दवात की पूजा की और भगवान चित्रगुप्त से सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। भक्ति कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक भजन संध्या ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। पूजा के उपरांत श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
कायस्थ महासभा के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान चित्रगुप्त ब्रह्मा जी की काया से उत्पन्न हुए हैं। उन्हें लेखनी और मसिपात्र (दवात) का वरदान प्राप्त है, जिससे वे सृष्टि के प्रत्येक जीव के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। वे ज्ञान, न्याय और धर्म के अधिष्ठाता माने जाते हैं।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कृष्णमुरारी गुप्ता ने कहा कि चित्रगुप्त जी की उपासना से व्यक्ति में सत्य, विवेक और कर्मनिष्ठा का विकास होता है। कलम-दवात की पूजा केवल प्रतीक नहीं, बल्कि विचार, सृजन और उत्तरदायित्व के प्रति आस्था का प्रतीक है।
महासभा के संरक्षक डॉ. कुसुमाकर श्रीवास्तव ने कहा कि यह पर्व समाज को यह संदेश देता है कि कलम का प्रयोग केवल जीविका नहीं, बल्कि न्याय और ज्ञान के प्रसार का माध्यम होना चाहिए।
इस अवसर पर बीजेपी उपाध्यक्ष इं. रमेश पटेल, नगर अध्यक्ष विनय श्रीवास्तव, विकास मिश्रा, गौरव शुक्ल, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा, माला चौबे, प्रमोद गुप्ता, धर्मवीर तिवारी, आनंद मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश श्रीवास्तव (दैनिक जागरण), अनूप श्रीवास्तव, शिवनारायण लाल, अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रभाकर श्रीवास्तव, दिवाकर श्रीवास्तव, संतोष कुमार श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव, मुकेश कुमार समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग, महिलाएं व बच्चे उपस्थित रहे।
एडवोकेट जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि कायस्थ समाज की पहचान केवल लेखनी से नहीं, बल्कि एकता, सेवा और संस्कारों से होती है।
समापन पर उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को जयंती की शुभकामनाएं दीं और समाज में शिक्षा, सद्भाव व धर्मनिष्ठा के प्रसार का संकल्प दोहराया।







