2002 के मामले में 23 साल बाद न्याय की तलाश पूरी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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चकरघट्टा थाने की पुलिस ने एक पुराने मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने वर्ष 2002 के एक मामले जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट चकिया की अदालत ने धारा 279/304ए (तेज गति से वाहन चलाना और लापरवाही से मौत) में वांछित आरोपी बाबू लाल को गिरफ्तार किया है,जो न्यायिक मजिस्ट्रेट चकिया की अदालत के वारंट के बाद से फरार चल रहा था।

पुलिस की सख्त कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के सख्त निर्देशों के बाद जिले में अपराधियों की धरपकड़ तेज हो गई है। इसी कड़ी में चकरघट्टा थाने की पुलिस ने बाबू लाल को उसके घर से गिरफ्तार किया। थानाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार निषाद के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सटीक सूचना पर दबिश दी और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।

न्यायालय में पेशी

गिरफ्तार किए गए बाबू लाल को न्यायिक मजिस्ट्रेट चकिया के समक्ष पेश करने के लिए रवाना कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण गिरफ्तारी में थानाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार निषाद के साथ बंटी सिंह और रितेश सिंह नामक पुलिसकर्मियों ने भी अहम भूमिका निभाई।

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