जल,जंगल व जमीन पर आदिवासियों का मालिकाना हक,जिसे छीन रही सरकार:भगवादस गोंड

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

आदिवासियों के जल जंगल मकान जमीन के मालिकाना हक की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

सोनभद्र। वन संशोधन अधिनियम 2023 लागू करके केन्द्र सरकार आदिवासियों को उनकी पुश्तैनी जमीन से बड़े पैमाने पर बेदखल करने एवं विकास के नाम पर जल जंगल मकान और जमीन के मालिकाना हक एवं अधिकार से वंचित करने के विरोध में जनपद मुख्यालय राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन दिया गया। आदिवासियों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग किया कि संसद द्वारा  वन संशोधन अधिनियम पर तत्काल रोक लगा कर संवैधानिक कानून व्यवस्था के अनुसार अधिकार सुरक्षित संरक्षित किया जाय।
इस कार्यक्रम की अगुवाई भगवानदास गौड़ जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने किया।


धरना प्रदर्शन में संगोष्ठी संबोधित करते हुए विवेक सिंह पटेल ने कहा कि आदिवासियों का जल जंगल जमीन का अधिकार हैं जो केन्द्र सरकार नया कानून बनाकर छिनने का काम कर रही है। प्रकृति के संरक्षक आदिवासी ही हैं और संविधान के साथ छेड़छाड़ कर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है जिसको कतई बर्दाश्त किया जाएगा। पांचवी व छठवीं सूची वर्तमान सदन में लागू किया जाए नहीं तो आने वाले समय पर बृहद रूप से प्रदर्शन होगा।

जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद भगवान दास गोंड व लक्ष्मी नारायण पटेल राष्ट्रीय पिछड़ा मोर्चा जिला संयोजक ने संयुक्त रूप से कहा कि हमारे अधिकारों का हनन किया जा रहा है आदिवासियों के संविधान को 2023 में वर्तमान सरकार ने बदल दिया है जिसको लेकर हम लोग आहत हैं। हम वर्तमान सरकार से मांग करते हैं कि हमारा पूर्ण अधिकार जो पहले से लागू था उसे ही लागू किया जाए , 2023 में जो संविधान संशोधन करके गलत कानून पास किया गया जिसे देश के सारे आदिवासी समाज देश भर में विरोध कर रहे हैं। हमारे पूर्वजों द्वारा जिस जमीन पर पट्टा था उस पट्टे को वर्तमान सरकार ने आधे से अधिक लोगों का खत्म कर दिया है जो की आज आदिवासियों के पास रहने तक की जगह नहीं बची। हम आदिवासी जन अपने अधिकार की मांग करते हैं अगर हमारा अधिकार नहीं मिला तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी इस सरकार की होगी प्रशासन की होगी।


उक्त अवसर रामचंद्र टेकाम, राजबली सिंह श्याम, प्रदीप मौर्या, रमेश गौतम,विश्वनाथ सिंह, राजाराम, रामकिशनू, रामप्रसाद चेरो, रामसागर खरवार, अमरजीत खरवार, छोटेलाल, रूप नारायण, सविता, केवली, गुलाबी इत्यादि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

Leave a Comment

957
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?