दो सप्ताह से गांव की बिजली गुल,महिलाओ ने उप केन्द्र का किया घेराव

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राजन

एसडीओ के आश्वासन पर महिलाये वापस गयी

मिर्जापुर। जनपद में कछवा क्षेत्र के बाड़ापुर गांव के बनवासी बस्ती के लोगों द्वारा करीब दो सप्ताह से बिजली कटौती को लेकर विद्युत उपकेन्द्र खंड कछवां का घेराव किया गया। बताया गया कि बीते 2 सितंबर को बस्ती में लगा 25 केवीए का ट्रांसफार्मर जल गया। जिसके बाद बस्ती के लोगों ने बिजली विभाग के टोल-फ्री नंबर 1912 पर फोन कर शिकायत दर्ज कराया। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई तो लगातार 5 सितंबर से बस्ती से एक दो लोग बिजली विभाग का चक्कर काटते रहे।

जेई हंसराज ने बनवासी समाज के लोगों से बराबर कहते रहे कि आप लोग मिर्जापुर जाइए तब ट्रांसफार्मर बदला जाएगा। वही बनवासियों ने आरोप लगाया कि बिजली ना रहने के कारण ही बीते 7 सितंबर की रात एक 7 वर्षीय किशोरी की सर्पदंश से मौत भी हो गई थी। पार्वती देवी का कहना है कि अब तो मिट्टी का तेल भी नहीं मिल रहा है कि हम लोग रात में अपने घरों में प्रकाश कर सके। हम लोगों के घर में एसी, कुलर तो चलता नहीं पंखा तक नहीं चलाते सिर्फ एक या दो बल्ब जलाते हैं और ग्यारह दिन बीत जाने के बाद भी बरसात के मौसम में रात को हम लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं।

बिजली विभाग के रवैया से झुब्ध होकर हम लोग आज बिजली उपकेंद्र पर धरना देने पर मजबूर हो गया हैं। बनवासी समाज के लोग गुरुवार की लगभग 9 बजे धरने पर बैठे और ग्यारह बजे बिजली उपकेंद्र अधिकारी (एसडीओ) आए और ट्रांसफार्मर के लिए जब बनवासी लोगों को मिर्जापुर जाने को कहा तो सभी महिलाएं बिफर गयीं और एसडीओ से कहा कि हम लोग सपरिवार अब यहीं रहेंगे और जब हमारा ट्रांसफार्मर लग जाएगा तो हम लोग अपने घर जाएंगे।

एसडीओ ने मिर्जापुर स्थिति बिजली विभाग के वर्कशॉप के एसडीओ और जेई से बात करना चाहे कि ट्रांसफार्मर कब मिलेगा तो एसडीओ का फोन ही किसी ने रिसीव नही किया। तब किसी और उच्चाधिकारियों से बात करके आश्वासन दिया कि आज रात 8 बजे तक ट्रांसफार्मर में लगा दिया जाएगा यदि किसी कारण से आज नहीं लग पाया तो कल ग्यारह बजे तक हर हालत में लगवा दिया जाएगा।

बिजली उपकेंद्र के एसडीओ अविनाश अग्रहरि के आश्वासन पर बनवासी (मुसहर) समाज की महिलाएं वापस गयीं।

धरना दे रही महिलाओं में उषा देवी, पार्वती देवी, हिरावती, गुलजारी, मधुरा देवी, बदामी, मंगला, संगीता, रीमा, कुमारी, दुलारा, मीरा, राजकुमारी समेत शंकर, मुंशी, खंझाटी, मठल्लू, हरिदास आदि मौजूद रहे।

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