अहिल्याबाई होल्कर शासक होते हुए भी स्वयं को जनसेवक मानती थी:जीत सिंह खरवार

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

अमित मिश्रा

नगवां सभागार में पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन हुआ संपन्न

सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के अंतर्गत सदर विधानसभा के नगवां विकास खण्ड के सभागार नगवां में पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजन हुआ। इस सम्मेलन मे बतौर मुख्य अतिथि के रुप में उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग जीत सिंह खरवार , विशिष्ट अतिथि के रुप मे पूर्व सांसद नरेन्द्र सिंह कुशवाहा उपस्थित रहे।

इस सम्मेलन का शुभारंम्भ पं0 दीनदयाल उपाध्याय व डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर मुख्य अतिथि जीत सिंह खरवार, पूर्व सांसद नरेन्द्र कुशवाहा, जिलाध्यक्ष नन्द लाल व नगवां ब्लॉक प्रमुख आलोक सिंह ने पुष्प अर्पित कर किया। वही सम्मेलन की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष नन्द लाल व संचालन जिला मंत्री संतोष शुक्ल ने किया।


सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग उ0प्र0 जीत सिंह खरवार ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर-1725-मे महाराष्ट्र के अहमदनगर जनपद चौड़ी ग्राम सभा में-31-मई को जन्म लिया था। अहिल्याबाई होल्कर परम शिव भक्त रही मध्यकाल की विषम परिस्थितियों में भी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने अपने अद्दम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए मुगल आक्रांताओं द्वारा विध्वंस किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया , धर्मशाला और बावडिया का भी निर्माण कराया। उन्होंने बड़ी संख्या में धर्मशालाएं बावडीया और घाट बनवाया जो समाज कल्याण और धार्मिकता का प्रतीक है , उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अयोध्या और बैमीषरण्य में भी उन्होंने मंदिरों और घाटों का जीर्णाेद्धार कराया सुशासन और धर्म संतुलन बनाए रखा अहिल्याबाई होल्कर ने अपने काम के प्रति सतर्क रहते हुए राष्ट्र धर्म को निभाया आदर्श शासन की शिल्पकार प्रशासनिक दक्षता अहिल्याबाई होल्कर के कार्यों में भी दक्ष रही। उन्होंने खुद ही लगान वसूली, न्याय और प्रजा की समस्याओं का समाधान का कार्य प्रारंभ किया। न्याय के प्रति रानी अहिल्याबाई होल्कर एक न्याय प्रिय शासक थी और शासन काल में उन्होने किसी को अन्याय करने नहीं दिया।


सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद नरेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होल्कर शासक होते हुए भी स्वयं को जनसेवक मानती थी। उन्होने विभिन्न धार्मिक क्षेत्रों का जीणोद्धार कराकर दृष्टि व भावना का परिचय दिया उन्होने कहा कि नए भारत की परिकल्पना में अहिल्याबाई होल्कर का जीवन प्रेरणा देता है।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष नन्द लाल ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी को देवी के अवतार की पदवी दी गई है। लोकमाता अल्यिाबाई होल्कर अंधेरे मे प्रकाश के किरण के समान थी अपने उत्कृष्ठ विचारों एवं नैतिक आचरण के चलते ही समाज मे उन्हे देवी का दर्जा मिला। स्वतंत्र भारत मे अहिल्याबाई होल्कर का नाम बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है। अहिल्याबाई होल्कर जी को एक ऐसी महारानी के रुप मे जाना जाता है, जिन्होने भारत के अलग अलग राज्यो मे मानवता के भलाई के लिए अनेक कार्य किये है। देश के कुल 12 ज्योतिर्लिंगों का जीर्णोद्धार कराया जिसमें प्रमुख रुप से सोभनाथ मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, श्री बैजनाथ मंदिर, श्री मल्किार्जुन मंदिर, ओंमकारेश्वर मंदिर, श्री नागनाथ मंदिर, श्री त्रयंबकेश्वर मंदिर सहित सभी 12 ज्योतिर्लिंगो का जीर्णोद्धार कराया था।


इस सम्मेलन में जिला उपाध्यक्ष उदयनाथ मौर्या, नार सिंह पटेल, अनूप तिवारी, शशांक मिश्रा, लक्षनदेव खरवार, योगेन्द्र बिन्द, विनय श्रीवास्तव, बृजेश श्रीवास्तव, प्रसन्न पटेल, विधायक प्रतिनिधि विकास मिश्रा, मनोज गोंड, मंजू देवी, तेतरी देवी, कौशल्या देव, विनय श्रीवास्तव सहित आदि लोग मौजूद रहे।

Leave a Comment

903
वोट करें

भारत की राजधानी क्या है?