महाप्राण निराला की मनाई जयंती

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अमित मिश्रा

सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र के तत्वावधान में कचहरी बार सभागार में महाप्राण सूर्य कांत त्रिपाठी निराला जयंती शुक्रवार शाम भव्य दिव्य ढंग से संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नरेंद्र पाठक एडवोकेट व संचालक अशोक तिवारी एडवोकेट आयोजक संयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट ने निराला व वाग्देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर आयोजन को गति दिया। प्रदुम्न त्रिपाठी ने वर दे वीणा वादिनि वर दे , निराला रचित वंदना सुनाया। और वसंतोत्सव पर अपनी रचना मीरा मोहन सी प्रीत लिख देना सबके अधरों पे गीत लिख देना मार मादक मगन वियोगिनि हिय साथ साजन हो जीत लिख देना सुनाकर वाहवाही बटोरी। ओजस्वी कवयित्री कौशल्या कुमारी चौहान ने कंगन कभीं कटार कभीं प्यार भी हूं मैं आकाश नापने को तैयार भी हूं मैं सुनाकर वाहवाही बटोरीऔर महफ़िल लूट लिया। अशोक तिवारी एडवोकेट ने तुमसे हमने प्यार किया और क्या किया यूं जिंदगी गुजार दिया और क्या किया सुनाया और सराहे गए। धर्मेश चौहान एडवोकेट ने, आ गया ऋतुराज बसंत पतझड़ का हो गया है अंत , समसामयिक रचना सुनाया और वाहवाही बटोरी। सुधाकर पांडेय स्वदेश प्रेम ने तिरंगे में सजे अर्थी बजे धुन राष्ट्र गीतों की जनाजा जब मेरा निकले वतन के वास्ते निकले सुनाकर वीर रस का जज्बा जगाया। प्रभात सिंह चंदेल ने वागेश्वरी की वंदना मां शारदे का ध्यान करते हैं सुनाकर देश की परिस्थितियों पर जन जागरण किया। वरिष्ठ गीतकार ईश्वर विरागी ने थाम लेंगे वक्त को चलने न देंगे सुनाया और कालजयी निराला को नमन किया। दिलीप सिंह दीपक ने इस जीवन समर में क्या है तेरा क्या है मेरा सुनाया और गंभीर चिंतन दिया। दयानंद दयालू ने लोक भाषा की रचना सुर में सुनाकर चार चांद लगा दिए।जयराम सोनी ने लोगों को देर तक हंसाते रहे। नरेंद्र पाठक एडवोकेट ने निराला जयंती पर निराला के व्यक्तित्व कृतित्व पर विशद प्रकाश डाले।इस अवसर पर फारुख अली हाशमी रिषभ त्रिपाठी पुरुषोत्तम कुशवाहा त्रिपुरारी मिश्र एडवोकेट प्रदीप सिंह दीपक केसरवानी मदन चौबे एडवोकेट आदि रहे।

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