कमाई के लिए गया युवक बना हादसे का शिकार, शव पहुंचते ही गांव में मचा कोहराम

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नवीन कुमार


O – मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रोकी एम्बुलेंस, पुलिस को नहीं दी गई सूचना

कोन (सोनभद्र) । ग्राम पंचायत बागेसोती के टोला गजरवाखाला निवासी मिथिलेश उरांव (25) की मौत से गांव में शोक की लहर है। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दो महीने पहले मिथिलेश कन्याकुमारी की एक निजी कंपनी में ठेकेदार के माध्यम से काम करने गया था, लेकिन बुधवार को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई।

साथी मजदूरों द्वारा उसे तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद ठेकेदार द्वारा एम्बुलेंस के जरिए युवक का शव गांव भेजा गया। शनिवार शाम करीब 5 बजे जैसे ही एम्बुलेंस गांव पहुंची, तो परिजनों में कोहराम मच गया।

पत्नी की हालत बिगड़ी, गर्भवती होने से और बढ़ी चिंता । मृतक मिथिलेश की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ है। उसकी पत्नी गर्भवती है। पति के शव को देखकर वह बेहोश हो गई, जिसके बाद परिजन उसे संभालने में जुट गए।

ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर एम्बुलेंस को रोका । परिजनों का आरोप है कि ठेकेदार ने फोन पर मुआवजा दिलाने की बात कही थी, लेकिन न तो कोई आर्थिक सहायता दी गई और न ही वह स्वयं शव के साथ आया। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने एम्बुलेंस को घर के बाहर रोक लिया और मुआवजे की मांग करने लगे।


खबर लिखे जाने तक इस मामले की सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी और ग्रामीणों द्वारा एम्बुलेंस को रोके रखा गया था। ग्रामीणों की मांग है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि उसकी पत्नी और आने वाले बच्चे का भविष्य सुरक्षित रह सके।

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