



वीरेंद्र कुमार
विंढमगंज (सोनभद्र)। धर्म, आस्था और भक्ति के दिव्य संगम में ग्राम पंचायत हरनाकछार में चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ के अंतर्गत बीती रात्रि वृंदावन धाम से पधारी रासलीला मंडली के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का भव्य मंचन किया गया। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने धर्म, संस्कार और भक्ति का अमृतपान किया एवं भव्य भंडारे में महाप्रसाद ग्रहण कर आध्यात्मिक सुख की अनुभूति प्राप्त की।

भगवान श्रीकृष्ण की लीला देख श्रद्धालु हुए भाव-विभोर
मलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में यज्ञ कर्ता श्री श्री 108 वेद मोहन ब्रह्मचारी, यज्ञ समिति के अध्यक्ष यदुनाथ यादव, प्रधान प्रतिनिधि निरंजन सोनी समेत अनेक गणमान्य जनों ने श्रीकृष्ण-राधा की दिव्य झांकी की आरती एवं वंदन कर रासलीला का विधिवत शुभारंभ किया।

इस दौरान वृंदावन से आई रासलीला मंडली द्वारा देवकी-वासुदेव विवाह, कंस का अत्याचार एवं श्रीकृष्ण अवतरण की लीला का अद्भुत मंचन किया गया। जब कंस अपनी बहन देवकी को ससुराल विदा कर रहा था, तभी आकाशवाणी हुई— ‘हे कंस! जिस बहन को तू प्रेम कर रहा है, उसी की संतान तेरी मृत्यु का कारण बनेगी।’ यह सुनकर कंस भयभीत हो उठा और अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वासुदेव-देवकी को कारागार में डाल दिया जाए।
रासलीला के इस मंचन ने उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय को श्रीकृष्ण भक्ति से सराबोर कर दिया। भक्तगण जय श्रीकृष्ण, जय हो राधे-राधे के उद्घोष से वातावरण को भक्तिमय कर रहे थे।

महायज्ञ एवं भंडारे में उमड़ा भक्तों का सैलाब
विष्णु महायज्ञ के पावन अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने भक्तिभाव से महाप्रसाद ग्रहण किया। आयोजन समिति के अनुसार, इस दिव्य महायज्ञ में आगे भी रोजाना श्रीकृष्ण लीला, प्रवचन एवं हवन अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा।
श्रद्धालुओं ने कहा कि यह महायज्ञ गांव में आध्यात्मिक चेतना का संचार कर रहा है। इस आयोजन से लोगों को धर्म, भक्ति और कर्मयोग का संदेश प्राप्त हो रहा है। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से सत्संग, कथा, हवन एवं रासलीला के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की।
सनातन संस्कृति के संरक्षण का भव्य प्रयास
इस महायज्ञ एवं रासलीला आयोजन का उद्देश्य सनातन धर्म की गौरवशाली परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से नवयुवकों को धर्म, नीति, सत्य, अहिंसा और भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी जा रही है।

आयोजन समिति ने बताया कि आने वाले दिनों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव, बाल लीलाएं, माखन चोरी, गोवर्धन पूजन एवं कंस वध की लीलाएं प्रस्तुत की जाएंगी, जिससे श्रद्धालु श्रीकृष्ण की अलौकिक लीलाओं का रसपान कर सकें।
“जहां भक्ति है, वहां भगवान स्वयं विराजमान होते हैं। यही संदेश इस महायज्ञ के माध्यम से सभी को दिया जा रहा है।“