जनप्रतिनिधियों के प्राप्त पत्रों का निस्तारण एक माह में अनिवार्य रूप से करें:सुरेन्द्र चौधरी

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अमित मिश्रा

संतोषजनक उत्तर नही देने वाले अधिकारियों से मांगा जाय स्पष्टीकरण

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के सुरेन्द्र चौधरी सभापति, एमएलसी उमेश द्विवेदी, एमएलसी किरण पाल कश्यप, एमएलसी आशुतोष सिन्हा, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिलाधिकारी बीएन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी की उपस्थिति में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति की बैठक की गयी।

इस दौरान जनप्रतिनिधिगण के पत्र पर अधिकारीगण द्वारा की गयी कार्यवाही की गहन समीक्षा की गयी।  सभापति सुरेन्द्र चैधरी ने कहा कि वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात अब तक सांसद, विधायक, विधान परिषद के सदस्य, विधान मण्डल के सदस्यगण द्वारा प्रदेश के जनपदों को भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराये जाने सम्बन्धी विषय पर समिति द्वारा विभागवार समीक्षा की गयी।

समीक्षा के दौरान सभापति व समिति के सदस्यगण ने कहा कि वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात् से अब तक ग्राम्य विकास, नगर विकास, लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, सिंचाई विभाग, प्राविधिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, समाज कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, आबकारी विभाग, पशुपालन विभाग के कितने पत्र जनप्रतिनिधिगणों से विभागों को प्राप्त हुए तथा उन पत्रों का निस्तारण कब-कब किया गया है, के सम्बन्ध में बारी-बारी से सम्बन्धित अधिकारियों से समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान सभापति व समिति के सदस्यगण ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संसदीय अध्ययन समिति विधान परिषद का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि जनप्रतिनिधिगण द्वारा किये गये पत्राचार पर सम्बन्धित विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की गयी, इन बिन्दुओं पर समीक्षा की जाये। जनप्रतिनिधिगण व अधिकारीगण का आपस में समन्वय स्थापित रहें, जनप्रतिनिधिगण द्वारा प्राप्त पत्रों का निराकरण एक माह के अन्दर अनिवार्य रूप से कर दिया जाये। पत्र के क्रम में की गयी कार्यवाही से जनप्रतिनिधिगण को भी अवगत कराया गया, इसमें किसी स्तर पर शिथिलता न बरती जाये, सभी अधिकारी अपने मोबाइल में जनप्रतिनिधिगण का मोबाइल नम्बर अनिवार्य रूप से सेव कर लें और जनप्रतिनिधिगण द्वारा आने वाले कालों का प्रापर ढंग से रिस्पांस दें और जन सामान्य की समस्याओं का समय से निस्तारण करे।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधिगण द्वारा विकास परक व जनहित से जुड़े जो भी प्रस्ताव अधिकारियों को प्राप्त होता है, को संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाये और उनके प्रस्तावों को रजिस्टर में दर्ज करने के साथ ही की गयी कार्यवाही की स्थिति से  जनप्रतिनिधि को अवगत भी कराया जाये।

उन्होंने कहा कि जर्जर विद्युत तारों का मरम्मत किया जाये, कोई भी क्षेत्र विद्युतीकरण से वंचित न रहने पायें, आबकारी विभाग मानक के अनुरूप कार्य करें, अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये, फोन पर बातचीत के समय आपसी समन्वय बना रहें, इसका भी ध्यान रखा जाये।

सभापति ने कहा कि समीक्षा के दौरान जिन अधिकारियों द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया, उन अधिकारियों को जिलाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया जाये।

इस दौरान जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि आज की बैठक में मा0 सभापति महोदय व समिति के सदस्यों द्वारा जो भी दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसका सभी अधिकारीगण ससमय अनुपालन करेंगें व जनप्रतिनिधिगण द्वारा प्राप्त पत्र पर आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगें और की गयी कार्यवाही के सम्बन्ध में जनप्रतिनिधिगण को भी अवगत करायेंगें।

बैठक में अपर जिलाधिकारी(नमामि गंगे) रोहित यादव, अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह, जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, उप जिलाधिकारी सदर उत्कर्ष द्विवेदी, ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेन्द्र सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 अश्वनी कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी संतपाल अंतिल, परियोजना निदेशक आरएस मौर्या, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण, प्रभारी जिला सूचना अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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