



मुजम्मिल दानिश
27 मई तक आग के बीच बैठकर तपस्या करने का था परमिशन
अमेठी जनपद के रहने वाले थे मृतक साधु
सम्भल(उत्तर प्रदेश)। बारिश के लिए ‘आग’ के बीच बैठकर घोर तपस्या कर रहे सन्यासी को मौत ने लिया अपनी आगोस में , साधु ने तड़प तड़प कर लगाया मौत को गले। तेज गर्मी बाबा की मौत का बनी सबब।.प्रचंड तपिश और पुरवा हवा के साथ फिजा में घुली उमस भरी गर्मी….73 साल क़े साधु इलाके में चर्चा का केंद्र बना हुआ…..आग रखकर और चारों तरफ आग जलाकर तप कर रहे.साधु ..आग और चारों तरफ आग जला कर बैठ गए।
ग्रामीण भी आसपास इकट्ठा होकर खूब श्रद्धालुओं की तरह. जय कारा बोलते रहे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो हुई थी। गो सुरक्षा और बारिश के लिए यह तपस्या किया जा रहा था। तपस्या के बीच 12:00 बजे हालत बिगड़ने पर अस्पताल लाया गया साधु को जहां डॉक्टर ने इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया। तेज धूप और आग की लपट में साधु ने आम जनता के लिए जान दे दिया।
ग्रामीणों का आरोप साधु अपने चारों तरफ आग जलाकर उसके बीच मे बैठकर तपस्या कर रहे थे जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था।जिसकी इजाजत जिलाधिकारी मनीष बंसल ने दी थी। आखिर जिस तपती धूप पब्लिक सड़कों पर निकलने के लिए परेशान है , इस हालत में डीएम ओर एसडीएम ने किस वजह से इजाजत दे दिया कि एक साधु की जान चली गई। इस दुर्घटना के पीछे जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही है।

ग्रामीणों का आरोप है कि किस वजह से किस मजबूरी से प्रशासन ने इजाजत दिया। वही मौके पर साधु की मौत से प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है। इस घटना के बाद सीडीओ जिला अस्पताल में जांच पड़ताल करने.पहुँचे। ग्रामीणों ने बताया कि आग के सामने बैठकर तपस्या करने की बात जब लोग सुनते ही लोग वहां पहुचने लगते थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि यह पागल साधु है जो जनपद में चर्चाओं का विषय बना हुआ था।
इस घटना के बाद सन्त समाज ने आग के आगे बैठकर तपस्या करने के लिए परमिशन देने और साधु की मौत के लिए जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही माना है। वहीं तपती दुपहरी में जहां साधु आग के बीच में बैठे थे ग्रामीण उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे लेकिन आशीर्वाद से पहले ही साधु की मौत हो गयी।