नफीस
मैनपुरी। जनपद में अवैध अस्पतालों और झोलाछापों की भरमार है जिनके यहां आए दिन कोई ना कोई मरीज अपनी जान गवा देता है। लेकिन मैनपुरी का स्वास्थ्य विभाग अपनी फॉर्मेलिटी पूरी करके घटनाओं से इतश्री कर लेता है। जिसके चलते जिले में झोलाछाप डॉक्टर और अवैध अस्पतालों की भरमार है। जिनके यहां आए दिन हदसे होते हुए दिखाई दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग केवल जांच के नाम का ढिंढोरा पीट कर शांत बैठ जाता है। जिसके चलते झोलाछाप डॉक्टर और अवैध अस्पताल के संचालकों की बल्ले बल्ले है।
जनपद मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के गांव खजुरिया में अस्पताल संचालित हो रहा है। जहां पर राधा स्वामी क्लीनिक एंड होमियो सेंटर का बोर्ड लगाकर मानक विहीन अस्पताल को बनाकर बेसमेंट के अंदर मरीज को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। बॉर्डर पर होम्यो लिखा है लेकिन अंदर उपचार एलोपैथिक अंग्रेजी दवाइयों का दिया जा रहा है।मरीज को अस्पताल में भर्ती कर उनको अनट्रेंड चिकित्सकों द्वारा इलाज दिया जा रहा है।मानक के नाम पर अस्पताल में कमियों का अंबार लगा हुआ है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का ऐसे अवैध अस्पतालों पर कोई ध्यान नहीं है। जब इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जान ले ली जाती है तब स्वास्थ्य विभाग टीम गठित कर इन पर कार्रवाई की बात करता है। अब देखने वाली बात होगी काशन में कुकरमुत्तों की तरह से चल रही अवैध अस्पताल और झोलाछाप, और अवैध पैथोलॉजी पर स्वास्थ्य विभाग क्या कार्रवाई करता है।
इन अवैध अस्पतालों को लेकर जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया समय-समय पर नोडल अधिकारी जिले के अलग-अलग कसबों में जाते हैं और वहां चल रहे अवैध क्लिनिक और झोलाछाप डॉक्टरों परकार्रवाई करते हैं।कुछ लोग शपथ पत्र देकर अस्पताल बंद कर देते हैं जो बंद नहीं करते हैं उनके ऊपर एफआईआर कराई जाती है। अभी तक जिले में लगभग 70 से 75 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। अब जो शिकायत अस्पताल के खिलाफ मिली है उसमें नोडल अधिकारी को भेज कर जांच कराई जाएगी अगर अवैध पाया जाएगा तो कार्रवाई की जाएगी।