



अमित मिश्रा
सोनभद्र। डिस्टिक्ट बार एसोसिएशन सोनभद्र ने प्रस्तावित एडवोकेट संशोधन विधेयक के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट जगजीवन सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी सोनभद्र के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को नौ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
अध्यक्ष जगजीवन सिंह ने कहा, “कानून मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट संशोधन बिल अधिवक्ताओं के हितों पर कुठाराघात है। यह बिल अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और अधिकारों को सीमित करने का प्रयास करता है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने बताया कि “संशोधित बिल में बार काउंसिल ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार द्वारा नामित तीन सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है, जिससे सरकार का सीधा हस्तक्षेप अधिवक्ता समुदाय पर अंकुश लगाने का संकेत देता है।”
पूर्व अध्यक्ष श्यामविहारी यादव ने कहा, “बिल में न्यायालय के काम से बहिष्कार करने पर रोक लगाई गई है, जिससे अधिवक्ताओं की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। यह अधिवक्ता समुदाय के हितों के खिलाफ है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।”
डिस्टिक्ट बार एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है, तो अधिवक्ता समुदाय सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करने को बाध्य होगा।
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री एडवोकेट प्रदीप कुमार मौर्य ने किया। इस अवसर पर एडवोकेट राजेश यादव, प्रदीप कुमार, सुरेश सिंह कुशवाहा, राजेश कुमार मौर्य, चंद्रप्रकाश सिंह, वीरेंद्र कुमार राव, आकृति निर्भया, सरस्वती देवी, सुधीर कुमार समेत अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।
– संवाददाता, सोनभद्र