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प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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अमित मिश्रा

कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य विभाग के नोडल ने किया था ओटी सीज

सोनभद्र। जनपद के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग के ठीक बगल में स्थित प्रेरणा फाउंडेशन हॉस्पिटल में जच्चा बच्चा की मौत होने से परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। वही सूचना पर पहुची पुलिस ने परिजनों को समझा कर मामले को शान्त कराया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

आपको बताते चले की संगीता देवी उम्र लगभग 30 वर्ष पत्नी सोनू पटेल निवासी बहेराडोल थाना हाथीनाला जो सोमवार की शाम  अपने परिजनों के साथ प्रेरणा अस्पताल के एंबुलेंस द्वारा हॉस्पिटल में प्रसव हेतु लाई गई थी जो काफी दर्द से कराह रही थी। हॉस्पिटल के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गर्भवती महिला को डिलेवरी के लिए भर्ती कर लिया गया और परिजनों को आश्वसन दिया कि जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे और प्रसव होने में कोई समस्या होंगी।

चिकित्सको ने उपचार किया और देर रात्रि में गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसके 10 से 15 मिनट के बाद बच्चे की मौत हो गई,जिसे अस्पताल के लोगों के द्वारा कहा गया इस बच्चे को जाकर दफना दे, नहीं तो बच्चे की मां की तबीयत भी बिगड़ सकती है। परिजनों ने मृतक नवजात बच्चे को मिट्टी में दफन किया और रात्रि में जब अस्पताल आए तो अस्पताल कर्मियों से मृतक बच्चे की मां की हालत जानना चाहा तो उस वक्त भी उनके द्वारा यह कहा गया कि खतरे की कोई बात नहीं है। उसका इलाज चल रहा है परिजनों के कई बार पूछने पर भी हॉस्पिटल कर्मियों के द्वारा गुमराह कर रखा गया जिसका नतीजा रहा कि आज सुबह जच्चा की भी मौत हो गई।

जब परिजनों ने संगीता देवी को देखा तो उसके शरीर में किसी तरीके का कोई भी हलचल महसूस नही हुई तो सभी दहाड़े मारकर रोने लगे और अस्पताल कर्मियों पर भड़क उठे। बवाल बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दिया। मौके पर पहुची पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को शांत कराते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

मृतका के पति व परिजन प्रेरणा हॉस्पिटल के विरुद्ध उचित कार्यवाही की मांग कर रहे है। खबर लिखे जाने तक परिजनों के द्वारा थाने में तहरीर नहीं दी गई थी।

बताते चले कि प्रेरणा फाउंडेशन हॉस्पिटल की ओटी को कुछ दिनों पहले अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल गुलाब शंकर यादव के द्वारा सील किया गया था उसके बाद भी घटना घट गई अब यह सवाल खड़ा होता है कि अधिकारी के द्वारा उक्त हॉस्पिटल की ओटी सील करने के बाद भी प्रसव हेतु महिला को कैसे भर्ती कर लिया गया और भर्ती भी किया गया तो जच्चा बच्चा की जान क्यों नहीं बची। 

वही इस मामले में सीएचसी अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त घटना संज्ञान में आई है। जिसको लेकर उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, नोडल निगरानी की टीम द्वारा जांच की जाएगी।

इस मौके पर सोनू पटेल, विकास पटेल , राजेश पटेल, विंध्याचल पटेल, कविता देवी , लीलावती देवी सहित अन्य परिजन व ग्रामीण मौजूद है।

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