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सिरसी बांध सरकारी उपेक्षा का शिकार, दूर भाग रहे पर्यटक

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मिर्जापुर। सूबे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी खजाना खोल दिया लेकिन सरकारी अमला है कि प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित जनपद में पर्यटन स्थल उपेक्षा के शिकार है। 

मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित सिरसी फाल जिले से लेकर प्रदेश में बेशुमार है। इस फाल का मनोरम दृश्य अपने आप में बेमिसाल है। पहली बारिश से इस फाल का लुफ्त उठाने के लिए सैलानियों का जमावड़ा प्रदेश से लेकर अन्य प्रांत का लगता हैं । बारिश के मौसम में इस फाल की प्रकृति छटा कुछ अलग ही बयां करती है, फाल से बहने वाले पानी में सैलानी आठखेलिया करते हुए मौज मस्ती के साथ बाटी चोखा का लुफ्त उठाते हैं।

चारों तरफ पहाड़ों से घिरे इस फाल पर आने वाला पानी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होता है। व्यवस्थाओं पर गौर करें तो यहां की व्यवस्था आलाधिकारियों के उपेक्षा का शिकार बन कर रह गया है। फाल की स्थित यह है की चारों तरफ गंदगी का अम्बार लगा हुआ है, पार्क में सैलानीयों के बैठने के लिए लगे शेड की हालत बद से बदतर हो चुका है। फाल के आस साफ सफाई के अभाव में झाड़ झंखाड़ में तब्दील है जबकि बारिश के मौसम में जहां हजारों की संख्या में पर्यटक प्रतिदिन आते है। पर्यटक स्थल के सुंदरीकरण के लिए शासन से बजट भी खर्च किया गया लेकिन जो केवल कागजों तक सीमित रह गया।

सिरसी फाल में नीचे तक जाने के लिए बनी सीढियां अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है, अपनी जान जोखिम में डालकर पत्थर व पेड़ों के डाल पकड़कर किसी तरह सैलानी सीढ़ी से नीचे उतरते है जिससे सैलानी चोटिल भी होते है। जनप्रतिनिधि पर्यटन को लेकर तमाम वादे किये लेकिन सब हवा हवाई साबित हुआ। सूबे में डबल इंजन की सरकार रहने के बाद भी सिरसी फाल अपने बदहाली को दूर नहीं कर पा रहा है।

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